
मेनार. बर्ड फेस्टिवल के तहत रविवार को परिंदों की चहकती दुनिया ने पक्षी-पर्यावरण प्रेमियों और पक्षीविदों को हैरत और रोमांच के पल उपहार में दिए। अनूठे रंगों और सुकून देने वाली आवाजों से रूबरू होने के लिए हर कोई घंटों इन पक्षियों को निहारता रहा।
फेस्टिवल के दूसरे दिन जिले के ग्रामीण जलाशयों की विजिट थी, जहां इन दिनों हजारों देसी-विदेशी प्रवासी पक्षी डेरा डाले हुए हैं। सुबह उदयपुर से विनय दवे और विजेंद्र प्रकाश परमार के नेतृत्व में निकले दल जलाशयों पर पहुंचे। बर्ड विलेज मेनार के धंड तालाब व ब्रह्मसागर पर 150 से अधिक प्रजातियों की बड़ी तादाद ने सबको चौंका ही दिया। बर्ड वाचिंग के साथ पर्यावरण हित पर चर्चा भी हुई। संभागियों को प्रकृति और पक्षियों के बारे में बताने के साथ इनके संरक्षण के प्रति जागरूक भी किया गया।
दल के साथ आए लोग दूरबीन और स्पॉटिंग स्कोप के जरिए पक्षियों की अठखेलियां देख रोमांचित हुए। कई ने इन नजारों को कैमरे में कैद भी किया। पक्षी मित्र ललित कलावत, धर्मेन्द्र दोलावत, चेतन मेरावत, राधेश्याम कानावत, जगदीश एकलिंगदासोत, प्रकाश मेनारिया, राजू उदावत, बद्री भोगित ने जानकारियां दीं। पक्षियों की आवाज निकालने वाले देवेंद्र मिस्त्री ने कला दिखाई। किशन करेरी, मंगलवाड़ व नगावली की भी विजिट की गई। दल में रिटायर्ड आईएएस विक्रमसिंह चौहान, उदयपुर के मुख्य वन संरक्षक राहुल भटनागर, एसीएफ शैतान सिंह, डीएफओ सोहेल मजबूर, मुंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के पूर्व निदेशक असद आर. रहमानी, वन्यजीव जीव विशेषज्ञ डॉ. सतीश शर्मा, वैज्ञानिक रजत भार्गव, मनोज कुलश्रेष्ठ, गोपी सुंदर, विक्रम सिंह, देवकीनंदन खत्री, कृष्णेंद्र सिंह नामा, कन्हैया जयंत कोटा , रिद्धि शर्मा, प्रदीप सुखवाल, हितेश मोटवानी, उत्तम पेगू, डॉ. दुर्गेश शर्मा, विजेंद्र प्रकाश परमार, जर्मनी से येवोनी आदि मौजूद थे।
कानोड़. पक्षी विहार बड़वाई व किशन करेरी तालाब पर पक्षी प्रेमी घंटों तक जमे रहे। दल का नेतृत्व विनय दवे कर रहे थे। फोटोग्राफर्स ने पक्षियों की नैसर्गिक गतिविधियों को कैमरे में कैद किया।
किशन करेरी तालाब पर पक्षियों को निहारने के लिए बना मचान से नजारा करना रोमांचक रहा। तालाब में बारहेड गूज, सारस, रडी शेलडक, कॉम कूट, कॉमन पोचार्ड, पेलिकन, गजपांव, मुरहेन, पिनटेल, किंगफिशर सहित ढेरों प्रजातियां देखी गईं। इस बीच घुड़सवारी का आनंद भी लिया। दोनों गांवों में ग्रामीणों ने स्वागत किया। बड़वाई से दल मेनार पहुंचा।
Published on:
25 Dec 2017 03:25 pm
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