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KILL BLUE WHALE: ब्लू व्हेल गेम के लिए लिखे केवल पत्र, रोकने के अब तक नहीं सरकार के पास उपाय

वल्लभनगर विधायक ने सवाल पूछा तो सरकार ने दिया सिर्फ कागजों में चली कार्यवाही का हवाला

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उदयपुर . राज्य सरकार ने ब्लू व्हेल गेम से बच्चों की अकाल मौत को रोकने के लिए अब तक केवल केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखा तो राज्य में साइबर सिक्योरिटी इमरजेंसी रेस्पांस के साथ ही समस्त जिला पुलिस अधीक्षकों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। वल्लभनगर विधायक रणधीरसिंह भींडर की ओर से इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विधानसभा में सरकार के समक्ष इस संबंध में प्रश्न पूछा गया तो सरकार ने जवाब में आदेश के संबंध में जानकारी दी लेकिन अब तक हुई कार्यवाही या मौत से बचाव के बारे में किए गए मजबूत प्रयासों के बारे में कुछ नहीं बताया। गौरतलब है कि इस संबंध में राजस्थान पत्रिका ने अभियान चलाकर सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित की थीं। इसे गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन व पुलिस के अलावा जनप्रतिनिधियों ने भी इसे रोकने की मांग उठाई थी।


भींडर ने पूछा क्या बनाई कार्ययोजना
भींडर ने पूछा कि सरकार ने ब्लू व्हेल गेम के लिंक को डाउनलोड करने वालों के विरुद्ध क्या कोई योजना बनाई है? सरकार ने जवाब में कहा कि ब्लू व्हेल गेम क ो डाउनलोड करने वालों के विरुद्ध योजना बनाते हुए इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्यागिकी मंत्रालय, नई दिल्ली को लिखा है। इसमें इंटरनेट प्रदाता कंपनियां गूगल, फेसबुक, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया को भी पत्र लिखकर गेम को इंटरनेट से हटाने और इसका कोई समर्थक हो तो इसकी सूचना कानून की पालना कराने वाली संस्था को देने के लिए कहा है। इसके अलावा इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम साइबर सिक्योरिटी के प्रकरणों में तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। पुलिस मुख्यालय द्वारा समस्त जिला पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपायुक्त जयपुरजोधपुर को भी आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

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पत्रिका ने अभियान चलाकर किया था जागरूक
किलर या सुसाइड गेम के रूप में पहचाने जाने वाला ब्लू व्हेल गेम के खतरे को देखते हुए पत्रिका ने भी ‘ब्लू व्हेल को रेड सिग्नल’ अभियान चलाकर इसके प्रति अभिभावकों व बच्चों को जागरूक करने का प्रयास किया। इसके लिए जागरूक करती हुई खबरें प्रकाशित की। इस खतरे को बताने के लिए विधिक साक्षरता की ओर से बच्चों को जागरूक किया गया। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने दिशानिर्देश जारी किए जिसमें इन खतरों से बच्चों को दूर रहने की सलाह दी गई।


सरकार ने बताया ऐसे बचाएं बच्चों को
द्य ब्लू व्हेल गेम में खेलने वालों को टास्क रात्रि में दिए जाते हैं। अभिभावकों को रात्रि में बच्चों पर नजर रखनी चाहिए। द्य अभिभावकों को बच्चों से घर पर गेम के बारे में खुलकर बात करनी चाहिए। द्य स्कूल में भी अध्यापकों द्वारा बच्चों को इस गेम के दुष्प्रभावों के बारे में बताना चाहिए। द्य बच्चों द्वारा काम में लिए जा रहे मोबाइल डिवाइस की हिस्ट्री, मैसेजेस, कॉल लॉग्स को समय-समय पर चैक करना चाहिए। द्य बच्चे कौन-कौन सी सोशल साइट्स देख रहे हैं, इस पर अभिभावकों को पूरी नजर रखनी चाहिए। द्य अभिभावकों को ये भी चाहिए कि बच्चों के काम में आने वाली आवश्यक एप्स को भी देखने की सुविधा देनी चाहिए। द्य अचानक बच्चों के व्यवहार में आए परिवर्तन, उनके डिप्रेशन में आने पर तुरंत अच्छे डॉक्टर या मनोचिकित्सक को दिखाया जाना चाहिए।