7893 कर्मचारियों ने किया लाभ उठाने का प्रयास प्रदेश के 7893 सरकारी कर्मचारियों ने को-ऑपरेटिव बैंकों में ऋण माफी योजना के तहत लाभ उठाने का प्रयास किया। इसमें उदयपुर, अलवर, अजमेर, पाली, सवाई माधोपुर, जोधपुर, झालावाड़, जैसलमेर, चित्तौडगढ़़ और भीलवाड़ा के कर्मचारी ईमानदार निकले। यानी इन जिलों के कर्मचारियों ने यह गफलत करने का प्रयास नहीं किया। वहीं उदयपुर संभाग के डूंगरपुर जिले के सर्वाधिक 1790 कार्मिकों ने 512.06 लाख रुपए तो भरतपुर के 1129 कार्मिकों ने 338.45 लाख रुपए स्वीकृत करवा लिए।
ऋण माफ ी योजना अप्रेल 2018 को लागू हुई, लेकिन योजनान्तर्गत अपात्र व्यक्तियों की सूची 25 अप्रेल, 2018 व 1 जून, 2018 को जारी हो पाई। 7893 सरकारी कार्मिकों के ऋ ण प्रकरणों का संधारण ऋ ण माफी पोर्टल कर लिया गया था। 22 जनवरी, 2019 व 12 जुलाई, 2019 को जारी आदेश में अपात्र व्यक्तियों के ऋण माफी की प्रविष्टियों को निरस्त करने के आदेश जारी किए क्योंकि अपात्र व्यक्तियों के ऋ ण खातों में प्रक्रियागत कारणों से हुई प्रविष्टियों को निरस्त कर दिए गए।
इनका कहना है फसली ऋण माफी योजना का लाभ उन्हें ही मिलता है, जो इसमें पात्र होते हैं। यदि किसी ने गलत तरीके से लेने का प्रयास किया है तो जांच में उसे रोका जाना ही था, हालांकि उदयपुर जिले में इस तरह का कोई मामला नहीं है।
आलोक चौधरी, एमडी, को-ऑपरेटिव बैंक, उदयपुर