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भगवान ऐसी मजबूरी किसी मां बाप को ना दे , तीन साल से इस हाल में रह रहा है ये इंसान, देखने वाले भी नहीं रोक पाते अपने आंसू

locationउदयपुरPublished: Jun 02, 2018 09:24:51 am

Submitted by:

Pankaj

जवान बेटे के उपचार में सब लुटा दिया, आर्थिक कमजोर परिवार लाचार, उथरदा के कराकली में विक्षिप्त युवक की हालत

kolkata West Bengal

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कालूलाल लखारा. जगत. ये है सलूम्बर तहसील क्षेत्र में उथरदा पंचायत के कराकली निवासी देवीलाल प्रजापत। उम्र 25 वर्ष, तीन साल पहले मुम्बई में नौकरी करता था। इसकी जिंदगी में ऐसा मोड़ा आया कि सुधबुध ही खो बैठा। मानसिक बीमार होकर गंभीर स्थिति में पहुंच गया। उपचार में परिवार ने सब कुछ लुटा दिया, लेकिन बात नहीं बनी। आखिर आर्थिक रूप से कमजोर हुआ परिवार जवान बेटे को लोहे की मोटी बेडिय़ों में बांधे रखने को मजबूर है। ऐसा नहीं करे तो देवीलाल खुद को नुकसान पहुंचाने के साथ ही किसी पर भी हमला कर देता है।
परिवार की लाचारी को देखते हुए समाजजनों ने आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। मेवल चौखला प्रजापत समाज के पदाधिकारी चांसदा निवासी शंकरलाल प्रजापत पत्रिका प्रतिनिधि को साथ लेकर शुक्रवार को देवीलाल प्रजापत की हालत जानने पहुंचे। देवीलाल खूंटे के सहारे बेडिय़ों में जकड़ा हुआ था।

पिता वगतराम, मां तख्तूबाई का बताते हैं कि बेटे की हालत देखी नहीं जाती। वह पास जाने वाले सभी को मारने दौड़ता है। ऐसे में उसे खाना-पानी भी दूर से देना पड़ता है। उन्होंने बताया कि देवीलाल के उपचार में ४ लाख रुपए से ज्यादा खर्च कर दिए। खेत और जेवर बैच दिए। अब जैसे तैसे गुजरा कर रहे हैं। ऐसे में वे बेटे का उपचार कराने में भी सक्षम नहीं हैं।

माता-पिता का आरोप
देवीलाल के माता-पिता ने बताया कि उसकी शादी सात साल पहले लसाडिय़ा के धोलिया फला में की थी। शादी से पहले देवीलाल मुम्बई में काम करता था। वह एक बार पत्नी को लेकर ससुराल गया। वहां किसी बात को लेकर विवाद होने पर ससुराल पक्ष के लोगों ने मारपीट कर दी। इसके बाद देवीलाल मानसिक संतुलन खो बैठा।

इनका कहना
ग्राम पंचायत की ओर से जिला प्रशासन को सूचना देकर देवीलाल का उपचार सरकारी योजना के तहत कराने की मांग की है। सरकारी सहायता मिलने के साथ ही जरुरत के मुताबिक ग्रामीण भी मदद को आगे आ सकते हैं।
नारायणलाल मीणा, सरपंच, उथरदा
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