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माटी की कद्र करेंगे किसान तो उगलेगी सोना

locationउदयपुरPublished: Sep 18, 2019 09:59:54 pm

Submitted by:

Bhuvnesh

स्लग…..मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना- खेत की माटी की सेहत जांचने में हम फिसड्डी

माटी की कद्र करेंगे किसान तो उगलेगी सोना

माटी की कद्र करेंगे किसान तो उगलेगी सोना

भुवनेश पण्ड्या

उदयपुर . अपनी माटी यानी खेतों की यदि किसान कद्र करेंगे तो यह मिट्टी सोना उगलेगी मगर इस मामले में हमारे किसान काफी पीछे हैं। गांव-देहात में रहने वाले धरतीपुत्रों को यह मालूम तो है कि वे अपनी खेत की बिगड़ी माटी का इलाज कर इसे बेहतर कर सकते हैं लेकिन वे एेसा कर नहीं रहे हैं। यही कारण है कि सरकार की ओर से चलाई गई मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना से पिछले तीन वर्षों में प्रदेश के महज ७५ हजार किसान ही जुडे़ हैं। प्रदेश के अधिकतर किसान अब तक इस योजना से दूर हैं।
प्रदेश में योजना के प्रथम चरण वर्ष 2015 से 2017 में 91,09,765 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना दिए गए। इसी तरह द्वितीय चरण में वर्ष 2017 से मई 2019 तक 1,01,21,167 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को दिए गए हैं।
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ये है योजना

योजना में मिट्टी के नमूनों की जांच कर किसानों में उसमें सूक्ष्‍म तत्‍वों की कमी को दूर करते हुए अधिक उपज लेने में मदद की जाती है। इसके लिए 2016-17 से 2018-19 तक सूक्ष्‍म तत्‍व किट 90 प्रतिशत अनुदान पर दिए गए थे। प्रदेश के अधिकतर जिलों में कृषि विभागीय परिसर में ही मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं खोली गई है।
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इसलिए है जरूरी

मिट्टी का रासायनिक परीक्षण इसलिए जरूरी है क्योंकि अलग-अलग खेतों की मिट्टी में भी भिन्नता होती है। मिट्टी के १६ पोषक तत्वों में से किसकी कमी है, यह जानने के लिए मृदा के नमूनों की जांच की जाती है। मृदा में कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नत्रजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्शियम और मैग्नीशियम मुख्य पोषक तत्व होते हैं। इसके अलावा जस्ता, मैग्नीज, तांबा, लोहा, बोरोन, मोलिबडेनम व क्लोरिन सूक्ष्म तत्व होते हैं। कई बार मृदा का नमूना लेने में खामी के चलते परिणाम भी गलत मिलते हैं। मिट्टी में लवणता, क्षारीयता, अम्लीयता की समस्या की पहचान की जाती है।
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किसानों का योजना में पंजीयन
वर्ष……किसान

2016-17 18819
2017-18 40827

2018-19 16004
कुल….७५६५०

उदयपुर संभाग में उपलब्धि

२०१५-१७
जिला….नमूना संग्रहण…हैल्थ कार्ड

उदयपुर ४९४१७….२७८६१९
डूंगरपुर २४१८२….४३३००४

बांसवाड़ा ६०२५७…३८७९९०
प्रतापगढ़ २५५२०…२५६७०

२०१७-१९
उदयपुर ५८६९३ २६२९१८

डूंगरपुर २४२९५ ३८५३४८
बांसवाड़ा ५५३९५ २२६३२७
प्रतापगढ़ ६००४३ १५३४४०

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किसानों की संख्या कम है, लेकिन खसरे ज्यादा होते हैं जिससे हैल्थ कार्ड की संख्या अधिक होती है। नियमानुसार नमूने लिए जाते हैं। यह प्रयास रहता है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ा जाए।
महेश वर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि उदयपुर संभाग

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