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ऊंचे कद से ऊंचाइयां

locationउदयपुरPublished: Feb 24, 2019 09:01:24 am

Submitted by:

Bhuvnesh

– बॉक्सर बोले- तकनीक का ख्याल रहे तो लंबाई वरदान- राजस्थान विद्यापीठ की मेजबानी में आयोजित आठ दिवसीय ऑल इंडिया इंटरयूनिवर्सिटी पुरूष बोक्सिंग

 बॉक्सर बोले- तकनीक का ख्याल रहे तो लंबाई वरदान

बॉक्सर बोले- तकनीक का ख्याल रहे तो लंबाई वरदान

भुवनेश पंड्या
उदयपुर. ये रिंग में किसी विस्फोटक से कम नहीं है। जब उतरते हैं तो हर कोई उन्हें एकटक देखता रह जाता है क्योंकि ईश्वर ने उन्हें एक विशेष तोहफे ऊंचे कद से नवाजा है। ये इसका पूरा लाभ लेते हैं और हर प्रतियोगिता में शीर्ष पायदान पर नजर आते हैं। सामान्य से अधिक ल बे होने से वे प्रतिद्वंद्वी का आधा हौसला तो रिंग में उतरने से पहले ही तोड़ देते हैं।
शुभम यादव

पीटीआरएसयू के बॉक्सर हैं। उनकी ल बाई ६.१ फीट है। उनका कहना है कि ल बाई का पहला असर तो सामने वाले खिलाड़ी पर दे ाने को मिलता है यदि वह कम ल बा है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि हर बार लंबा खिलाड़ी ही जीतता है, लेकिन इसकी सं ाावना ज्यादा रहती है। ाास बात यह है कि छोटे बॉक्सर को पहला अटैक करना होता है। ल बा िालाड़ी छोटे प्रतिद्वंद्वी को कई बार अपनी मर्जी से चला देता है। आठ वर्ष से राष्ट्रीय स्तर पर ोलते हुए उन्होंने कई बार कांस्य पदक प्राप्त किए हैं। शुभम यादव कहते हैं कि उनके परिवार में कई िालाड़ी हैं, इसलिए परिवार का पूरा सपोर्ट मिलता है।
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दीपक सांगवान
हरियाणा के िावानी से आए दीपक सांगवान ने बताया कि वे ६.३ फीट के हैं। ल बे िालाड़ी के लिए यह जरूरी है कि सामने वाले से वे तय दूरी बनाकर र ो यानी उसे तय रेंज में र ों तो उसकी जीत तय है। इसमें गड़बड़ी से उसे हार झेलनी पड़ सकती है। उन्होंने बताया कि सामने वाले िालाड़ी को पंच मारने के लिए ल बा िालाड़ी एक रेंज से उस तक अपने हाथ पहुंचा सकता है। एेसे में उसके शरीर पर चोट ाी नहीं लगती और वह स्फू र्ति के साथ रिंग में जंप ले सकता है। २००७ और २०१३ के एशियाई ोलों में कांय पदक प्राप्त कर चुके मनोजकुमार से ाी वे रिंग में लड़ चुके हैं, तो ओल िपयन विजेन्दर से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। दस वर्ष से वे नेशनल रिंग में बने हुए हैं।
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सूर्यनारायण साहू
ओडिशा से आए सूर्यनारायण साहू स बलपुर विवि से बॉक्सिंग कर रहे हैं। ६.२ फीट ल बे साहू रिंग में ज्यादा पुराने नहीं है, लेकिन ल बाई का फायदा उन्हें काफी मिला है। उन्होंने बताया कि प्रतिद्वंद्वी को तय दूरी पर र ाकर उस पर पंच मारने का पूरा अवसर मिल जाता है, साथ ही ल बाई से थकान ाी कम लगती है। साहू ने बताया कि शुरुआत में उन्हें पंच लगते थे, लेकिन अब वे नियमित तीन से चार घंटे बॉक्सिंग करते हैं। एेसे में उन्हें अब सामने वाले के पंच का डर नहीं रहता है। गुरु ने उन्हें एेसा बनाने की शुरुआत कर दी है कि बोक्सर को क ाी दर्द नहीं होता।
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सही तकनीक से क ाी हार नहीं मिलती-राजोंद

अन्तरराष्ट्रीय प्रशिक्षक राजेन्द्रकुमार राजोंद का कहना है कि यदि तकनीक का इस्तेमाल कर ल बे कद का िालाड़ी बॉक्सिंग करें तो वह क ाी हारता नहीं है। राजोंद वर्तमान में कुरुक्षेत्र विवि में बॉक्सिंग कोच हैं। दो बार के आेल िपयन राजोंद को अर्जुन अवार्ड मिल चुका है। वह २०१० और २०१८ के कॉमनवेल्थ में स्वर्ण व कांस्य अपने नाम कर चुके हैं। ऑल िपयन मनोजकुमार को उन्होंने बतौर कोच तैयार किया है। राजोंद ने बताया कि बॉक्सिंग को तकनीकी ााषा में बाउट कहा जाता है। बॉक्सिंग में जो ज्यादा पंच मारता है उसे दस पाइंट दिए जाते हैं, लेकिन जिसे ज्यादा पंच लग रहे हैं उसकी सुरक्षा को दे ाते हुए समय से पहले ाी हारा हुआ बताकर बाहर किया जा सकता है। पांचों रेफरी पूरी ोल को दे ाते हुए हार-जीत का निर्णय देते हैं।
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अगले दौर की ओर बढे़ विद्यापीठ के प्रजापत
राजस्थान विद्यापीठ की मेजबानी में आयोजित आठ दिवसीय ऑल इंडिया इंटरयूनिवर्सिटी पुरूष बोक्सिंग प्रतियागिता के तीसरे दिन शनिवार को मेजबान विद्यापीठ विवि के सुनील प्रजापत ने पेसीफिक विवि के समुद्र सिंह को मात देकर अगले दौर में प्रवेश किया। शनिवार को हुए २५० मुकाबलों में 46.49 किलो में सीआरएस विवि जिंद ने देवी अहिल्या विवि इन्दौर, कृष्णा काली विवि ने चौधरी चरण सिंह विवि, आरटीएम विवि नागपुर ने आरआरबीएम विवि अलवर, एमएस बृज विवि भरतपुर ने गुजरात विवि गांधीनगर, पैसीफि क विवि के नितिन केएस ने साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी विवि कौच्चिन को पराजित कर अगले दौर में प्रवेश किया। 52 किलोग्राम वेट कैटेगरी में कुल 31 विवि की टीमों ने भाग लिया। जिसमें कुमुन विवि नैनीताल ने महात्मा ज्योति राओ फुले विवि जयपुर, टीएम भागलपुर ने एएमयूए् को गुजरात विवि अहमदाबाद ने एलएनआईपीई विवि ग्वालियर को, गोडवाना विवि गाडचिरौली ने रानी दुर्गावती विवि जबलपुर को चण्डीगढ विवि मोहाली ने हिमाचल प्रदेश विवि को पराजित कर अगले दौर में प्रवेश किया। 56 किलोग्राम केटेगरी में कुल 40 विवि की टीमों ने भाग लिया। आएन भास्कर तमिलनाडु, फिजिकल एवं स्पोट्र्स विवि ने आचार्य नागार्जुन विवि को, सीआरएस विवि ने अमृतसर विवि को पराजित किया। 60 किलोग्राम वेट केटेगरी में कुल 40 विवि की टीमों ने भाग लिया। जिसमें विक्रम विवि उज्जैन ने आरबी देव शेषन अन्नामलाई विवि को कन्नूर विवि ने देवी अहिल्या विवि इन्दौर, महावीर विश्वविद्यालय मुरादाबाद ने जेएनटीयू काकीनाडा विवि सोलापुर विवि ने शिवाजी विवि कोलापुर, इन्दिरा गांधी विवि, मीरपुर ने थिरूवल्लुवर विवि वल्लौर को, आरजीपीवी विवि ने सरदार पटेल विवि गुजरात को पराजित कर अगले दौर में प्रवेश किया। 69 किलोग्राम वेट केटेगरी में कुल 35 विवि की टीमों ने भाग लिया, जिसमें देवी अहिल्या विवि इन्दौर ने अमृत विश्वविद्यापीठ विवि कोय बटूर, केरला विवि ने ओपीजे विवि चुरू, चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ ने मगध विवि बोधगया को पराजित किया। इसी प्रकार 75 किलोग्राम वेट केटेगरी में कुल 20 मैच हुए, जिसमें लखनऊ विवि वीआईटीएस विवि पिलानी को, एसवीएस विवि मेरठ ने त्रिवल्लूर विवि वेल्लौर को, शोलापुर विवि ने सीयूएच विवि सीसीएस विवि ने डॉ. आरएमएल अवध विवि फैजाबाद को हराया। उद्घाटन कुलपति प्रो.एसएस सांरगदेवोत, डॉ. हेमशंकर दाधीच, डॉण् भवानी पाल सिंह ने उद्घाटन किया।

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