एड्स फैलने के कारण एचआईवी एड्स के परिप्रेक्ष्य में उदयपुर के अतिसंवेदनशील होने के पीछे दो प्रमुख कारण हैं। पहला पर्यटकों के दबाव और स्थानीय लोगों की गरीबी, बीमारी का एक नया द्वार खोलती है। वहीं दूसरी ओर आदिवासी क्षेत्रों में पहाडी इलाकों के कारण कृषि की कम पैदावार, रोजगार के साधनों की कमी और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा की बहुत ज्यादा कमी से रोजगार के लिए बहुत बडी संख्या में पलायन होता है। जिले में दो मुख्य राष्ट्रीय राजमार्गों का भी केन्द्र है और हाईवे पर सेक्स ट्रेफिकिंग अधिक होने से भी ये बीमारी बढ़ रही है।
READ MORE : फल-सब्जी बेच रहे हो तो हरा, नॉनवेज पर लटकाना होगा लाल बोर्ड राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी जयपुर के माध्यम से मुख्य चिकित्सा एवं स्वस्थ्य अधिकारीए उदयपुर के सहयोग से जिला एड्स बचाव एवं नियंत्रण इकाई, उदयपुर की ओर से जिले में मंगलवार से 03 नवम्बर तक 9 ब्लॉक के 10 गांवों में शिविर लगाए जाएंगे। शिविरों के लिये अधिक प्रवासी जनसंख्या वाले एवं अधिक जोखिम समूहों वाले इलाके चुने गए हैं।
यहां लगेंगे शिविर बिकरनी, पानरवा, बलीचा, पादेरी, जावद, पडावली, बछार, घासा, मोड़ी, देवाली में लगेंगे। पहला शिविर 23 अक्टुबर को कोटड़ा ब्लॉक के बिकरनी प्राथमिक स्वस्थ्य केंद्र पर लगाया जायेगा। इन क्षेत्रों में कार्यरत आंगनवाडी केन्द्रों और आशा समूहों को इन शिविरों में अधिकाधिक लोगों को लाकर उनकी जांच करवाने के लिये विशेष हिदायत दी गयी है।
तीन चिकित्स्क का दल उदयपुर जिले में कैम्प के लिए सीएमएचओ ने 3 चिकित्सकों का दल बनाया है, साथ ही परमात्माचंद चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित डडन को कैम्प के संचालन के लिए लगाया है। मरीजों की जांच व दवा शुरू करने के लिए यह शिविर लगाए जा रहे हैं।
डॉ मनु मोदी, जिला नोडल अधिकारी, शिविर उदयपुर
डॉ मनु मोदी, जिला नोडल अधिकारी, शिविर उदयपुर