script…कैसे पार लगेगी जुगाड़ के सहारे ये डॉक्टरी | How to overcome this study of become doctor with the help of Jugaad | Patrika News

…कैसे पार लगेगी जुगाड़ के सहारे ये डॉक्टरी

locationउदयपुरPublished: Mar 17, 2019 11:54:46 am

Submitted by:

Bhuvnesh

– पीजी विद्यार्थियों के लिए नहीं है प्रोफेसर
– बीकानेर से जिसे लगाया वो ाी गए छुट्टियों पर
– रेस्पिरेट्री मेडिसिन की पढ़ाई अधर में
आरएनटी मेडिकल कॉलेज

आरएनटी मेडिकल कॉलेज

आरएनटी मेडिकल कॉलेज

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. यहां डॉक्टरी की कक्षा जुगाड़ के सहारे हैं, बात आरएनटी मेडिकल कॉलेज की है। यहां रेस्पिरेट्री मेडिसिन विषय में पढ़ाई कर रहे १५ पीजी विद्यार्थियों का ाविष्य अधर में है। हालात ये है कि इस विषय की अर्से से नियमित कक्षाएं ही नहीं चली जिससे शोध कार्य लटका हुआ है। इन मेडिकल विद्यार्थियों के सामने संकट है कि प्रोफेसर नहीं होने पर असि. प्रोफेसर जो जूनियर होते हैं उनके सहारे काम चलाया जा रहा है, लेकिन चिंता है कि परीक्षा से लेकर शोध कार्य जांच के दौरान इन विद्यार्थियों का क्या होगा। बताया जा रहा है कि हाल में एमसीआई निरीक्षण को लेकर सरकार ने एक प्रोफेसर इस विषय के बीकानेर से यहां लगाए हैं, लेकिन वो ज्वाइन करने के साथ ही अवकाश पर चले गए हैं।
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२३ फरवरी के बाद बने हालात
यहां रेस्पिरेट्री मेडिसिन के प्रोफेसर नहीं है। यहां २३ फरवरी को प्रोफेसर एबी श्रीवास्तव ने वीआरएस ले लिया था, इसके बाद से इस कक्षा पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। डॉ महेन्द्रकुमार एसोसिएट प्रोफेसर थे, लेकिन किसी मामले में उनके निल बन के बाद यहां एक ाी प्रोफेसर कार्यरत नहीं है। फिलहाल यहां दो असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मनोज आर्य व डॉ महेश काम सं ााल रहे हैं, लेकिन वो प्रोफेसर पद के समकक्ष नहीं हैं।
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इसलिए प्रोफेसर जरूरी…
रेस्पिरेट्री मेडिसिन की कक्षा स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष से पढऩी होती है। प्रथम वर्ष के पहले छह माह पूरे होने पर शोध कार्य लि ाना जरूरी होता है। इसके लिए प्रोफेसर यानी गाइड लगाया जाता है। इस शोध कार्य के स्वीकृत होने के बगैर कोई ाी मु य परीक्षा में स िमलित नहीं हो सकता है। मेडिकल विद्यार्थी गाइड के मार्गदर्शन में ही इसे तैयार करते हैं, इसके बाद गाइड स्वयं इसे स्वीकृत करते हैं। शोध कार्य की जांच के लिए दूसरे राज्य के दूसरे विवि से दो प्रोफेसर आते हैं।
राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंसेज इनकी नियुक्ति करता है।
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कुल १५ मेडिकल विद्यार्थी पीजी में अध्ययनरत है, इसमें प्रथम वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष तक पांच-पांच विद्यार्थी हैं, प्रतिदिन एक घंटा थ्योरी कक्षा होनी जरूरी है, लेकिन वो प्रोफेसर के अ ााव में नहीं चल रही है। परीक्षा मई माह में होनी है, इसमें परीक्षार्थी परेशान है कि वो इस समस्या से कैसे पार पाएंगे।
दोनों प्रोफेसर के पद रिक्त होने से ये परेशानी है। बीकानेर से अ ाी एक प्रोफेसर को लगाया है, लेकिन वो फिलहाल छुट्टियों पर चल रहे हैं। मैंने प्राचार्य से ाी कहा था, दे ाते है कितना जल्द समाधान हो पाता है। अ ाी दो असि. प्रोफेसर से पढ़ाई करवा रहे हैं।
डॉ.जी एस राठी, अधीक्षक टीबी हॉस्पिटल बड़ी
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कक्षाएं नियमित नहीं चल रही हैं, प्राचार्य को ाी समस्या से अवगत करवाया है, कि जल्द से जल्द प्रोफेसर कक्षाएं लेना शुरू करें ताकि शोध प्र ाावित नहीं हो और मई में होने वाली परीक्षा में किसी को नुकसान नहीं हो।
डॉ सीपी मुद्गल, अध्यक्ष रेजिडेंट मेडिकल एसोसिएशन
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अ ाी एक प्रोफेसर बीकानेर से यहां लगाए गए हैं, छुट्टियों से आते ही कक्षाएं नियमित चलाई जाएंगी। अ ाी असिस्टेंट प्रोफेसर पढ़ाई करवा रहे हैं।
डॉ डीपी सिंह, प्राचार्य आरएनटी
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