
उदयपुर में गाजे-बाजे के साथ मंदिर पहुंचा जगन्नाथ स्वामी का रथ, इस बार नए रथ में होगी मंदिर परिक्रमा
प्रमोद सोनी/धीरेंद्र जोशी .उदयपुर. प्रभु जगन्नाथ स्वामी के नए पारंपरिक रथ को शोभायात्रा के रूप में मंगलवार को मंदिर पहुंचाया गया। जैसे ही शोभायात्रा निकलने का समय हुआ,तेज बारिश होने लगी। इससे ऐसा आभास हुआ कि साक्षात इंद्रदेव प्रभु के रथ की अगवानी कर रहे हो और शुद्ध जल की बौछारों से रथ के मार्ग धो रहे हो। शोभायात्रा के दौरान प्रभु के भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। भगवान जगन्नाथ स्वामी के करीब 300 वर्ष पुराने पारंपरिक रथ की जगह इस बार नए रथ में मंदिर परिक्रमा में रथयात्रा निकाली जाएगी। इस रथ को मंदिर पहुंचाने के लिए ऊंट गाड़ी की व्यवस्था की गई। ऊंट गाड़ी में रथ को रखकर श्रद्धालुओं ने भगवान जगदीश के जयकारों के बीच रथ को खींचा और मंदिर तक पहुंचाया। इस दौरान मार्ग में जगह -जगह रथ का स्वागत किया गया। जगदीश मंदिर में करीब 300 वर्ष पुराना रथ जीर्णशीर्ण होने पर नए रथ का निर्माण श्रद्धालु हेमंत चौहान और भाइयों ने माता-पिता शान्तादेवी-रामचन्द्र चौहान की स्मृति में करवाया है। शोथायात्रा मंगलवार को समोर बाग से निकाली गई। शोभायात्रा की शुरुआत कांकरोली द्वारिकाधीश मन्दिर के गोस्वामी वागिश कुमार, महेन्द्र सिंह मेवाड़ व विश्वराज सिंह मेवाड़ ने रथ को खींचकर की। शोभायात्रा में पुरुष श्वेत और महिलाएं केसरिया वस्त्रों में शामिल हुई। महिलाएं अपने सिर पर मंगल कलश लिए शामिल हुई। शोभायात्रा में द्वारिकाधीश प्रभु का बैण्ड स्वर लहरियां बिखेर रहा था। भक्त प्रभु के जयकारे लगाने के साथ झूमते हुए चल रहे थे। गोस्वामी वागिशकुमार रथ के पीछे बग्घी में बैठे। शोभायात्रा समोर बाग शीतलामाता गेट से भट्टियानी चौहटा होते हुए जगदीश मंदिर पहुंची। रथ समिति और पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद के श्रद्धालुओं के साथ उप महापौर लोकेश द्विवेदी, समाजसेवी हरीश राजानी, राजेश बी मेहता, जयन्तीलाल पारख, भुवनेश शाह, कन्नुभाई पारख, राजेन्द्र श्रीमाली, घनश्याम चावला, राकेश पारख, दिनेश मकवाना, रमेश लालवानी, नवनीत पारख, प्रभुलाल साहू आदि मौजूद थे।
जयकारों के बीच मंदिर से नीचे उतरा ठाकुरजी का रथ
प्रभु जगन्नाथ राय की रथयात्रा 14 जुलाई को जगदीश मंदिर से रवाना होगी। इसको लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह और जोश है। ठाकुरजी का रथ मंगलवार देर रात जगदीश मंदिर से नीचे उतारा गया जिसमें 50 से अधिक भक्तों ने सहयोग किया। प्रभु जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा का आयोजन प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को होता है। रथयात्रा को लेकर शहर के लोगों में विशेष उत्साह रहता है। इस वर्ष भी रथयात्रा को लेकर कई माह से तैयारियां की जा रही है। जैसे-जैसे रथयात्रा की घडिय़ां समीप आ रही है, लोगों और श्रद्धालुओं का उत्साह भी बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को देर रात ठाकुरजी के रजत रथ को मंदिर से नीचे उतारने की प्रक्रिया पूरी की गई। इस प्रक्रिया को शुरू करने से पूर्व गणपति पूजन किया गया। पूजन के पश्चात मंदिर की सीढिय़ों और रथ को खड़ा करने की जगह को गंगाजल और गोमूत्र का छिडक़ाव कर शुद्ध किया गया। इसके साथ ही प्रभु जगन्नाथ राय के जयकारों के बीच रथ को उतारने का सिलसिला शुरू हुआ। रथ को मंदिर से नीचे उतारने के दौरान सुरेंद्र सिंह, अम्बा लाल, कैलाश, धर्मेंद्र, रवि माली, हिम्मत माली सहित 50 से अधिक भक्तों ने सहयोग दिया।
108 भागों में है रथ
रथ समिति के राजेंद्र श्रीमाली ने बताया कि ठाकुरजी का रजत रथ 108 भागों में है। सबसे पहले इसके पहिये नीचे उतारे गए। इसके बाद रथ का ढांचा, प्लेटफार्म, छत, गुम्बद सहित सभी भाग नीचे उतारे गए। यह सिलसिला देर रात तक जारी रहा। श्रीमाली ने बताया कि मौसम ने साथ दिया तो रात को ही रथ को जोड़ दिया जाएगा, अन्यथा बुधवार दोपहर 12 बजे तक रथ को जोड़ा जाएगा।
Published on:
12 Jul 2018 06:00 am
बड़ी खबरें
View Allउदयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
