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चले गए थानेदार, अब डर काहे का

locationउदयपुरPublished: Nov 14, 2019 01:14:53 am

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

jholachhap doctor ट्रेनिंग पर गई एसडीएम के पीछे से सक्रिय हुए झोलाछाप, पहली बार चिकित्सा विभाग स्तर पर दिखाई सख्ती, झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई कर सीज किया क्लीनिक

चले गए थानेदार, अब डर काहे का

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उदयपुर/ झाड़ोल. Jholachhap doctor पुरानी हिन्दी फिल्म के गीत की पंक्तियां ‘चले गए थानेदार…अब डर काहे का…Ó यहां झाड़ोल उपखण्ड क्षेत्र के झोलाछाप चिकित्सकों पर सटीक बैठ रही है। मौसमी बीमारियों के बीच पूरे वर्ष की कमाई करने वाले यहां के झोलाछाप चिकित्सक, प्रशिक्षु आईएएस और वर्तमान उपखण्ड अधिकारी डॉ. टी. शुभमंगला की गैरमौजूदगी में एक बार फिर से सक्रिय हो गए हैं। उपखण्ड अधिकारी से खौफजदा झोलाछापों का नेटवर्क इतना जबरदस्त है कि एक दिन की अनुपस्थिति में ही उन्होंने दुकानें खोल ली। हालांकि, ये बात पहली बार स्थानीय चिकित्सा विभाग ने सक्रियता दिखाई और साहस दिखाते हुए पहली बार बिना एसडीएम के मौका कार्रवाई की। चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिओम चौधरी ने शाम के समय कंथारिया में संचालित एक झोलाछाप चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई कर दुकान सीज की।
बता दें कि अवैध क्लीनिक संचालन की सूचना पर डॉ. चौधरी एवं गौतम गोस्वामी ने कंथारिया पहुंचकर मौका कार्रवाई की। डॉ. चौधरी ने मौके पर जालौर निवासी झोलाछाप सुरेश यादव से ब्लड प्रेशर नपाया और बाद में खुद का परिचय देते हुए कार्रवाई की। इस बीच मौका पाकर झोलाछाप भाग निकला। मौके पर तीस प्रकार की एलोपैथिक दवाई मिली। इस पर चिकित्सक ने झाड़ोल हेड कांस्टेबल लक्ष्मणलाल को घटना से सूचित किया और बाद में क्लीनिक सीज करने की कार्रवाई की।
ग्रामीणों का विरोध
डॉ. चौधरी ने बताया कि झोलाछाप को लेकर हुई कार्रवाई के बाद जमा ग्रामीणों ने प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध किया। लोगों ने क्षेत्र में चिकित्सकों की कमी एवं सुविधाओं को लेकर सवाल खड़े किए। डॉ. चौधरी ने स्वयं का मोबाइल नंबर देकर उपखण्ड मुख्यालय पर सुविधाएं प्राप्त करने का आश्वासन देकर खुद का बचाव किया।
15 साल पुरानी जड़ें
बता दें कि क्षेत्र संचालित झोलाछापों की दुकानें आज की नहीं हैं। बल्कि झोलाछाप यहां पर 15 वर्ष से सेवाएं देते हुए स्थानीय ‘नागरिकताÓ भी प्राप्त कर चुके हैं। गत 10 नवंबर को पहली बार एसडीएम ने यहां कार्रवाई का साहस दिखाया और झोलाछापों के खिलाफ कार्रवाई की। jholachhap doctor लेकिन, 10 नवम्बर को जयपुर ट्रेनिंग की सूचना के साथ ही झोलाछाप एकबार फिर सक्रिय हो गए।
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