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चकमा देकर भागे झोलाछाप, दुकान पर जड़ा ताला

locationउदयपुरPublished: Oct 24, 2019 12:36:55 am

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

jholachhap doctors चिकित्सा विभाग व पुलिस की सामुहिक कार्रवाई का दूसरा दिन

चकमा देकर भागे झोलाछाप, दुकान पर जड़ा ताला

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उदयपुर/ झल्लारा. jholachhap doctors झाड़ोल के बाद सलूम्बर उपखण्ड में झोलाछाप डॉक्टर्स के खिलाफ जारी अभियान के दूसरे दिन बुधवार को ‘विभागीय विभिषणों की कानाफूसी के बीच कार्रवाई से पहले झोलाछाप मौके से भागने में सफल रहा। हालांकि, टीम में शामिल कुछ चिकित्सा कार्मिकों की सख्ती पर झोलाछाप की दुकान को सीज करने का कदम उठाया गया। दूसरी ओर कार्रवाई के पहले दिन दबोचे गए दो झोलाछापों को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश हुए। इससे पहले उपखण्ड अधिकारी के निर्देश पर गठित चिकित्सा विभाग के दल में शामिल डॉ. मनोज कुमावत चिकित्सा अधिकारी जैताना, बीपीएम देवेन्द्र गिरी, मेल नर्स प्रशान्त उपाध्याय व स्थानीय थाने से हेड कांस्टेबल महेन्द्र सिंह शक्तावत, जवान कांनसिंह ने नया गांव स्थित अवैध संचालित क्लीनिक पर दबिश दी। टीम के पहुंचने की भनक पाकर कार्रवाई से पहले झोलाछाप ने क्लीनिक छोड़ दिया और मौके से रफूचक्कर हो गया। बाद में पहुंची टीम ने क्लीनिक सजी किया और दरवाजे पर विभागीय नोटिस चस्पा करने की कार्रवाई की। गौरलतब है कि क्षेत्र में करीब दो दर्जन से अधिक झोलाछाप सक्रिय हैं, जो कि गरीब तबके के रोगियों के उपचार में मनमानी वसूली के साथ उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने में पीछे नहीं रहते हैं। हालांकि धरदबोच अभियान के तहत ऐसे झोलाछापों में एकबारगी प्रशासनिक कार्रवाई का भय बन गया है।
अब भी कुछ नहीं बिगड़ा
लोगों के स्वाथ्स्य से खिलवाड़ करने वाले बंगाली चिकित्सकों और झोलाछापों में प्रशासनिक भय बना रहना चाहिए। ताकि गरीब स्वास्थ्य से होने वाले खिलवाड़ को रोका जा सके। लेकिन, यह प्रक्रिया केवल अभियान के तौर पर सीमित नहीं होनी चाहिए। सप्ताह या महीने में एक बार विभाग को भी ऐसे मामलों में पुलिस की मदद लेकर दबिशें देनी चाहिए। ताकि कुकुरमुत्तों की तरह बढ़ रही इस विरादरी पर भय से अंकुश लगाया जा सके। कार्रवाई से पहले विभाग को कार्रवाई स्थल का नाम भी गोपनीय रखने की आदत डालनी चाहिए। ताकि मूल अपराधी कानूनी शिकंजे से बच नहीं सके।
यहां भी चस्पा किए नोटिस
गींगला पसं. इधर, मेवल क्षेत्र में भी प्रशासनिक निर्देश की पालना पर दूसरे दिन बुधवार को चिकित्सा विभाग के दल ने पुलिस की मदद से झोलाछापों के यहां छापेमारी की। गींगला, कडूणी और ईड़ाणा क्षेत्र में संचालित अवैध क्लीनिकों के संचालक यहां भी कार्रवाई से पहले भी मौका छोड़कर भाग निकले। विषम परिस्थितियों में चिकित्सा दल ने क्लीनिक सीजकर नोटिस चस्पा करने का कदम उठाया। इससे पहले गींगला सीएचसी प्रभारी डॉ. राहुल त्यागी, सराड़ी पीएचसी प्रभारी डॉ. भरत गुप्ता, हेड कांस्टेबल गिरिजाशंकर चौबीसा, कांस्टेबल ओमप्रकाश ने संबंधित इलाकों में छापेमारी की। बता दें कि इससे पहले भी टीम ने करावली, ओरवाडिय़ा और माकड़सीमा गांवों में मंगलवार को दबिशें दी थी।
तो होगी कार्रवाई
चिकित्सा दल ने कई क्षेत्रों में दबिशें दी हैं। झोलाछाप कार्रवाई में कुछ क्लीनिक सीज किए गए। इनके बाहर नोटिस चस्पा कर समयाविधि में आवश्यक उपचार संबंधित दस्तावेज पेश करने को कहा गया है। jholachhap doctors अगर, ऐसा नहीं होता है तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. राहुल त्यागी, प्रभारी चिकित्साधिकारी, सीएचसी गींगला
गींगला
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