अनुकूल है परिस्थितियां
पुराने अनुभव के हिसाब से पारसोला रियासत काल में तहसील थी। करीब 10 हजार की आबादी वाला ये क्षेत्र डूंगरपुर, बांसवाड़ा और उदयपुर जिले की सीमा के बीच स्थित है। सोलह पहाडिय़ों के बीच स्थित इस क्षेत्र में कानून व्यवस्था के लिए थाना बना है। मूंगाणा व लोहागढ़ दो पुलिस चौकी भी है। बीओबी व एसबीआई जैसे राष्ट्रीयकृत बैंक, पटवार मंडल, डाकघर, आयुर्वेदिक औषधायल इस क्षेत्र में स्थापित हैं। देवला, लोहागढ़, भरकुण्डी, पारसोला, आड़, मानपुर, गौपालपुरा, लोड़ीमाण्डवी, माण्डवी, नाड़, शकरखण्ड, लोदिया, मुंगाणा, बोरिया, गगौठड़ा, सुराजी खेड़ा, अणत,चरपोटिया सहित १९ ग्राम पंचायतों के बीच पारसोला केंद्र है।
पुराने अनुभव के हिसाब से पारसोला रियासत काल में तहसील थी। करीब 10 हजार की आबादी वाला ये क्षेत्र डूंगरपुर, बांसवाड़ा और उदयपुर जिले की सीमा के बीच स्थित है। सोलह पहाडिय़ों के बीच स्थित इस क्षेत्र में कानून व्यवस्था के लिए थाना बना है। मूंगाणा व लोहागढ़ दो पुलिस चौकी भी है। बीओबी व एसबीआई जैसे राष्ट्रीयकृत बैंक, पटवार मंडल, डाकघर, आयुर्वेदिक औषधायल इस क्षेत्र में स्थापित हैं। देवला, लोहागढ़, भरकुण्डी, पारसोला, आड़, मानपुर, गौपालपुरा, लोड़ीमाण्डवी, माण्डवी, नाड़, शकरखण्ड, लोदिया, मुंगाणा, बोरिया, गगौठड़ा, सुराजी खेड़ा, अणत,चरपोटिया सहित १९ ग्राम पंचायतों के बीच पारसोला केंद्र है।
होनी चाहिए प्रक्रिया
पारसोला को पंचायत समिति का दर्जा दिया जाना चाहिए। रियासतकाल में भी ये क्षेत्र तहसील मुख्यालय था।
गणपतङ्क्षसह शक्तावत, सेवानिवृत्त जिला परिवहन अधिकारी ग्राम पंचायतों से दूरी कम
पारसोला की समीपवर्ती ग्राम पंचायतों से दूरी कम है। फिलहाल हर छोटे-बड़े काम को लेकर 28 किलोमीटर दूर धरियावद जाना होता है।
मोहम्मद ईस्माइल शेख, स्थानीय क्षेत्रवासी
पारसोला को पंचायत समिति का दर्जा दिया जाना चाहिए। रियासतकाल में भी ये क्षेत्र तहसील मुख्यालय था।
गणपतङ्क्षसह शक्तावत, सेवानिवृत्त जिला परिवहन अधिकारी ग्राम पंचायतों से दूरी कम
पारसोला की समीपवर्ती ग्राम पंचायतों से दूरी कम है। फिलहाल हर छोटे-बड़े काम को लेकर 28 किलोमीटर दूर धरियावद जाना होता है।
मोहम्मद ईस्माइल शेख, स्थानीय क्षेत्रवासी
बनती है संभावना
नियमों के मुताबिक 20 ग्राम पंचायतों को मिलाकर पंचायत समिति बनाई जा सकती है।
गोपाल सिंह हाड़ा, तहसीलदार, धरियावद
नियमों के मुताबिक 20 ग्राम पंचायतों को मिलाकर पंचायत समिति बनाई जा सकती है।
गोपाल सिंह हाड़ा, तहसीलदार, धरियावद