बता दें कि नपा ने कुछ माह पहले एक आदेश जारी कर सूरजपोल चौराहे से लारी वालों को हटाकर गंभीर सागर तालाब की पाल पर खड़ा कराया था। इसके बाद रोडवेज और निजी सवारी बसों को भी प्रतीक्षालय के सामने नहीं रूकने देने के आदेश दिए। तय किया कि यात्री बसें रेगर समाज के मंदिर के सामने ही रूकेंगी। अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है कि नगर पालिका के कर्मचारी प्रतीक्षालय में बैठने वाले आम यात्रियों को भी वहां से खदेडऩे में लगे हुए हैं। दूसरी ओर कार्मिकों की मानें तो वह केवल बसों के रूकने पर पाबंदी की पालना करा रहे हैं। उनकी ओर से किसी आम यात्री को वहां बैठने से नहीं रोका गया है।
हुआ यूं कि सोशल मीडिया में वायरल संदेश के अलावा कुछ लोगों की शिकायत पर पूर्व नपाध्यक्ष भोई एवं महेंद्र सिंह पवांर पीडि़त लोगों के प्रतिनिधि बनकर ईओ देथा से बातचीत करने गए। दोनों प्रतिनिधियों की बातें सुन ईओ देथा ने उनकी सीट छोड़ दी और वरिष्ठ लिपिक ललितसिंह देथा के कक्ष में पहुंच गए। कुछ इंतजार के बाद भोई पुन: उनके पास पहुंचे और जनता की जिम्मेदारी से नहीं बचने की नसीहत दी। इसके बाद पुन: कक्ष में लौटे ईओ ने साफ किया कि अध्यक्ष के कहने पर ही बसों का ठहराव रोका गया है। नपाध्यक्ष के निर्देश पर ही बसों का प्रतीक्षालय के बाहर रूकना संभव होगा। इस घटना के कुछ समय बाद नपा का दस्ता प्रतीक्षालय से रवाना हो लिया।
सूत्रों की मानें तो सूरजपोल चौराहे पर स्थित निजी जमीन के मालिक को कथित तौर पर फायदा पहुंचाने की नीयत से पालिका ने पहले केबिन हटाने की कार्रवाई की। अब प्रतीक्षालय, शौचालय और पानी के प्याऊ को भी मौके से हटाने की चर्चा है। इसका उद्देश्य प्रतीक्षालय को अनुपयोगी बताने से है। सूरजपोल पर भीड़ होने के बहाने से नपा अन्यत्र यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण करा देगी।
यात्री प्रतीक्षालय के आगे नाश्ता लारियां खड़ी हैं। वहां बसों को नहीं रूकने दिया जाएगा। अगर, यात्री सुविधा की जरूरत पड़ी तो नए स्थान पर प्रतीक्षालय बनवा दिया जाएगा।
ललित सिंह देथा, अधिशासी अधिकारी, भींडर नगर पालिका
कुछ लोग सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं। ऐसे लोग स्थानीय जनता को गुमराह कर रहे हैं। यात्री प्रतीक्षालय मौके से नहीं हट रहा है। nagar palika न ही इसे हटाने की कोई मंशा है।
हेमंत तेली, अध्यक्ष, नगर पालिका,