जांचेंगे विश्लेषणात्मक क्षमता नए परीक्षा पैटर्न में छात्रों की विश्लेषणात्मक क्षमता को जांचा जाएगा। इससे विषयों को रटने की प्रक्रिया पर भी लगाम लगेगी। बदले हुए प्रश्न पत्र प्रॉब्लम सॉल्विंग मोड के होंगे। १ से 5 अंकों के छोटे प्रश्न ज्यादा होंगे। फोकस इस बात पर होगा कि छात्रों की लर्निंग प्रॉसेस और उनकी सोचने की क्षमता कितनी बढेग़ी ताकि उनका मानसिक विकास सही स्तर पर हो। कोशिश रहेगी कि छात्रों की रटकर ज्यादा नंबर लाने की प्रक्रिया पर पाबंदी लगे।
– स्कूलों में गुणवत्ता सुधारने के लिए नवीनीकरण पर फोकस – स्कूलों में बुनियादी ढांचे के निरीक्षण के लिए बोर्ड मान्यता प्राप्त अधिकारियों की रिपोर्ट पर निर्भर रहेगा।
– दसवीं व बारहवीं कक्षा के प्रश्नपत्र पैटर्न में बदलाव करने की प्रक्रिया चलेगी।
1. प्रश्न पत्र अब प्रॉब्लम सॉल्विंग और विश्लेषणात्मक पैटर्न के होंगे। 2. छोटे प्रश्न ज्यादा होंगे।
3. छात्रों की क्रिटिकल थिंकिंग एबिलिटी को टेस्ट करने पर रहेगा फोकस। —–
1. वॉकेशनल विषयों की परीक्षा अगले सत्र से फरवरी में होंगे, जबकि मुख्य विषयों की परीक्षा मार्च में खत्म हो जाएगी। 2. पेपर के मूल्यांकन के लिए ज्यादा समय मिलेगा और रिजल्ट समय से पहले घोषित किए जाएंगे।
३. वॉकेशनल परीक्षाओं में छात्रों की संख्या कम होती है, इसलिए उन्हें फरवरी में करवाया जाएगा, जबकि नॉन-वॉकेशनल सब्जेक्ट्स की परीक्षाओं को मार्च में 15 दिनों में करवाया जाएगा।
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