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रटंत विद्या पर लगाम लगाने जा रही है सीबीएसई

locationउदयपुरPublished: Aug 26, 2018 01:52:01 am

Submitted by:

Manish Kumar Joshi

परीक्षा पैटर्न में बदलाव का तैयार किया ड्रॉफ्ट, दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं को मार्च में खत्म कराने और उनके रिजल्ट को जल्दी घोषित करने की योजना

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रटंत विद्या पर लगाम लगाने जा रही है सीबीएसई

उदयपुर . केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड जल्द ही परीक्षा प्रारूप में बड़ा बदलाव करने जा रही है जिसका मसौदा तैयार कर लिया गया है। दसवीं और बारहवीं दोनों कक्षाओं में वर्ष २०२० की परीक्षाओं में बड़ा बदलाव होगा। सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को दो भागों में वॉकेशनल और नॉन वॉकेशनल में करवाएगा। सीबीएसई ने इस आशय का मसौदा मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सौंप दिया है। सीबीएसई ने दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं को मार्च में खत्म कराने और उनके रिजल्ट को जल्दी घोषित करने की योजना भी बनाई है।
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जांचेंगे विश्लेषणात्मक क्षमता

नए परीक्षा पैटर्न में छात्रों की विश्लेषणात्मक क्षमता को जांचा जाएगा। इससे विषयों को रटने की प्रक्रिया पर भी लगाम लगेगी। बदले हुए प्रश्न पत्र प्रॉब्लम सॉल्विंग मोड के होंगे। १ से 5 अंकों के छोटे प्रश्न ज्यादा होंगे। फोकस इस बात पर होगा कि छात्रों की लर्निंग प्रॉसेस और उनकी सोचने की क्षमता कितनी बढेग़ी ताकि उनका मानसिक विकास सही स्तर पर हो। कोशिश रहेगी कि छात्रों की रटकर ज्यादा नंबर लाने की प्रक्रिया पर पाबंदी लगे।
यह है उद्देश्य
– स्कूलों में गुणवत्ता सुधारने के लिए नवीनीकरण पर फोकस

– स्कूलों में बुनियादी ढांचे के निरीक्षण के लिए बोर्ड मान्यता प्राप्त अधिकारियों की रिपोर्ट पर निर्भर रहेगा।
– दसवीं व बारहवीं कक्षा के प्रश्नपत्र पैटर्न में बदलाव करने की प्रक्रिया चलेगी।
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परीक्षा का पैटर्न
1. प्रश्न पत्र अब प्रॉब्लम सॉल्विंग और विश्लेषणात्मक पैटर्न के होंगे।

2. छोटे प्रश्न ज्यादा होंगे।
3. छात्रों की क्रिटिकल थिंकिंग एबिलिटी को टेस्ट करने पर रहेगा फोकस।

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एग्जाम शिड्यूल में ये बदलाव
1. वॉकेशनल विषयों की परीक्षा अगले सत्र से फरवरी में होंगे, जबकि मुख्य विषयों की परीक्षा मार्च में खत्म हो जाएगी।

2. पेपर के मूल्यांकन के लिए ज्यादा समय मिलेगा और रिजल्ट समय से पहले घोषित किए जाएंगे।
३. वॉकेशनल परीक्षाओं में छात्रों की संख्या कम होती है, इसलिए उन्हें फरवरी में करवाया जाएगा, जबकि नॉन-वॉकेशनल सब्जेक्ट्स की परीक्षाओं को मार्च में 15 दिनों में करवाया जाएगा।
उपनियमों में भी बदलाव

स्कूल की सम्बद्धता और उसके नवीनीकरण पर प्रभाव पड़ेगा। इन उपनियमों में स्कूलों की अकादमिक गुणवत्ता से लेकर, शिक्षकों की गुणवत्ता और अन्य चीजें शामिल होंगी। बोर्ड किसी भी स्कूल के बुनियादी ढांचे का निरीक्षण नहीं करेगा। इसके लिए वह संबंधित राज्यों के शिक्षा विभाग के अधिकारियों की रिपोर्ट पर ही निर्भर रहेगा।
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अभी पॉलिसी बदलने वाली है। इस बार तो परीक्षा पूर्ववत होगी। यह परिवर्तन २०२० से होने वाला है। बच्चों को छह माह पूर्व इसकी पूरी जानकारी होनी जरूरी है, ताकि परीक्षाओं को लेकर कोई परेशानी नहीं हो।
पीसी कोठारी, प्राचार्य, केन्द्रीय विद्यालय नम्बर एक उदयपुर

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