READ MORE : स्कूल में गुरुजी केवल झंडा फहराने आते हैं, बच्चे खेलकर चले जाते घर साक्षरता में भी जागरूक पूर्वोत्तर के युवाओं ने बताया कि क्षेत्र में साक्षरता को लेकर विशेष जागरूकता है। गरीबी के बावजूद लोग अपने बच्चों को स्नातक तक की पढ़ाई करवाते हैं। सरकारें भी शिक्षा को लेकर ज्यादा रुचि लेती हैं। इसका नतीजा है कि मिजोरम 2011 के आंकड़ों के अनुसार 91.58 प्रतिशत साक्षरता के साथ देश में दूसरे और त्रिपुरा 87.75 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रहा। हालांकि सितम्बर 2013 में त्रिपुरा ने 94.65 प्रतिशत के साथ देश में सबसे साक्षर होने का दावा किया था। राजस्थान का साक्षरता दर 67.06 प्रतिशत के साथ कुल 36 में से 33वें स्थान पर है।
लोकसभा 2014 में पूर्वोत्तर के राज्य आगे
लोकसभा चुनाव मई 2014 के मतदान प्रतिशत पर नजर डालें तो सर्वाधिक मतदान वाले राज्यों में टॉप तीन राज्य नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम पूर्वोत्तर भारत से थे। रिकॉर्ड 87.82 प्रतिशत मतदान नागालैंड में हुआ। त्रिपुरा (84.72 ) दूसरे, सिक्किम (83.37 ) तीसरे, असम (79.88) आठवें, मणिपुर ( 79.62) नौवें एवं अरुणाचल प्रदेश (78.61 प्रतिशत) दसवें स्थान पर रहा। ऐसे में पूर्वोत्तर के आठ में से छह राज्य मतदान के मामले में देश के टॉप टेन में रहे। दूसरी ओर, राजस्थान में मतदान प्रतिशत महज 63.09 रहा, जो 35 राज्यों में 28वें नम्बर पर था।
लोकसभा चुनाव मई 2014 के मतदान प्रतिशत पर नजर डालें तो सर्वाधिक मतदान वाले राज्यों में टॉप तीन राज्य नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम पूर्वोत्तर भारत से थे। रिकॉर्ड 87.82 प्रतिशत मतदान नागालैंड में हुआ। त्रिपुरा (84.72 ) दूसरे, सिक्किम (83.37 ) तीसरे, असम (79.88) आठवें, मणिपुर ( 79.62) नौवें एवं अरुणाचल प्रदेश (78.61 प्रतिशत) दसवें स्थान पर रहा। ऐसे में पूर्वोत्तर के आठ में से छह राज्य मतदान के मामले में देश के टॉप टेन में रहे। दूसरी ओर, राजस्थान में मतदान प्रतिशत महज 63.09 रहा, जो 35 राज्यों में 28वें नम्बर पर था।