
डॉ सुशील सिंंह चौहान/ उदयपुर . सेहत के महकमे को अपनों की नाराजगी ने पंगु बना दिया है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत विभाग में सेवाएं दे रहे संविदा लेखाकार और आशा सुपरवाइजर के हड़ताल पर उतरने से विभागीय कामकाज बाधित हो रहे हैं। वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले इस आंदोलन ने विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं। ऐसे में विभाग मामले के निस्तारण को लेकर आवश्यक निर्देश जारी कर रहा है। हाल ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव टाक ने कार्मिकों को आवश्यक निर्देश देकर जिम्मेदारी से जुड़े आवश्यक दस्तावेज, चेक बुक एवं रिकॉर्ड से जुड़ी हुई चाबियां संबंधित मंत्रालयिक कार्मिकों को सौंपने के निर्देश दिए हैं। विरोध के मद्देनजर सभी कार्यालयों को कमेटी बनाकर रिकॉर्ड कब्जे में लेने के लिए पाबंद किया है। साथ ही संबंधित आदेश की पालना नहीं करने वाले कार्मिकों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
यह काम बाधित
- वित्तीय वर्ष 2017-18 में व्यय संबंधित रिपोर्ट प्रदेश स्तर पर भिजवाने में दिक्कतें आ रही है। 12 मार्च को प्रदेश स्तर पर जिला अधिकारियों की बैठक भी हुई। 16 मार्च को सीएमएचओ से खण्ड स्तर पर पर 2 करोड़ की राशि हस्तांतरित की गई। इसको चिकित्सा संस्थान स्तर पर स्थानांतरित करना था, लेकिन हड़ताल के चलते विभाग को कार्य की जिम्मेदारी पूरी करने में दिक्कतें आ रही है।
- आशा सुपरवाइजर्स के अभाव में कुल 2551 आशाओं के दो माह का भुगतान होना था, जिसमें 449 आशाओं का भुगतान इंद्राज नहीं होने से भुगतान लंबित है। इनमें कुराबड़ की 16, बारापाल की 3, गोगुंदा की 8, सायरा की 10, ओगणा की 27, लसाडिय़ा की 11, खेमली की 13, डबोक की 13, ईटाली की 13, सालेरा कला की 13, ङ्क्षगगला 19, झल्लारा 44, करावली 24, सराड़ी की 9, सेरिया की 27, सराड़ा 9, पलोदड़ा 28, देवपुरा के 12, सेमारी के 14, मालवा के चोरा के 5 एवं देवला के 6 केस शामिल हैं।
- फरवरी 2018 में विभाग की एनएचएम योजना की मासिक प्रगति रिपोर्ट नहीं भेजी जा सकी।
- एचआईएमएस का डाटा, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान रिपोर्ट, गहन दस्त नियंत्रण कार्यक्रम की रिपोर्ट नहीं बनी।
- मुख्यमंत्री फ्लेगशिप प्रोग्राम में शामिल जननी सुरक्षा योजना , शुभ लक्ष्मी योजना एवं राजश्री योजना की भुगतान डिटेल लंबित है। राजश्री योजना में गत 18 फरवरी को प्रतिदिन औसत भुगतान 62 था, जो घटकर 30 पर आ गया है।
- खण्ड कार्यक्रम प्रबंधकों के हड़ताल पर होने से 22 मार्च को कुपोषण कार्यक्रम के प्रशिक्षण का बहिष्कार हुआ।
अनिश्चितकालीन हड़ताल हमारी मजबूरी है। आशाओं का भुगतान अटका है जिसका हमें खेद है। निर्णय नहीं होने तक हड़ताल यथावत रहेगी।
निवेदिता जोशी, अध्यक्ष, एनआरएचएम संविदा कार्मिक संघ
कार्मिकों के हड़ताल पर होने से कामकाज प्रभावित है, लेकिन विकल्प के तौर पर हम बेहतर प्रयास कर रहे हैं। कुछ आदेश जारी कर व्यवस्था सुधार के लिए कदम उठाए गए हैं।
डॉ. संजीव टाक, सीएमएचओ, उदयपुर
Published on:
24 Mar 2018 03:37 pm
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