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जर्जरता के नाम पर तोड़ दी पुरानी पेयजल टंकी, नई कवायद से कोसों दूर

locationउदयपुरPublished: Jun 24, 2019 11:21:46 pm

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

नहीं बनी पेयजल टंकी, बीता एक साल, जोखिम भरी परिस्थितियों में ढहाई गई थी पुरानी टंकी, 6 हजार से अधिक आबादी के नवानिया गांव में पेयजल संकट

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जर्जरता के नाम पर तोड़ दी पुरानी पेयजल टंकी, नई कवायद से कोसों दूर

उदयपुर/ भटेवर. वल्लभनगर उपखण्ड क्षेत्र की नवानिया ग्राम पंचायत के बाशिंदों को पेयजल समस्या का कोई स्थायी हल नहीं मिल रहा है। प्रशासनिक उदासीनता से करीब 6 हजार की आबादी वाले इस गांव में लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा। गांव के गाडरियों के मोहल्ले में हनुमान मंदिर के सामने बनी पानी की टंकी को जर्जर बताते हुए विभाग ने एक साल पहले ढहा दी थी। इसके बाद जिम्मेदारों की ओर से नई टंकी बनाने के लिए आश्वासन दिया गया था, लेकिन कड़वा सच यह है कि विभागीय स्तर पर टंकी बनाने के लिए अब तक भी कोई प्रयास नहीं किए गए। आलम यह है कि क्षेत्र में उपभोक्ताओं को सात दिन में एक दिन जलापूर्ति की सुविधा मिल रही है। इसके अतिरिक्त स्थानीय लोग हैंडपंप और अन्य माध्यमों से पानी जुटाकर दिनचर्या के कामकाज निपटा रहे हैं। बहुत से हैंण्डपंप का पानी पीने लायक नहीं है तो कुछ में टीडीएस और फ्लोराइड जैसी समस्याएं भारी पड़ रही हैं। मजबूरी वश कुछ परिवार तो जेब ढीली कर बाजार से बोतल खरीदकर उनकी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। पहले थी दो टंकीबता दें कि नवानिया गांव में जलापूर्ति को लेकर पूर्व में विभाग स्तर पर दो टंकियां बनी हुई थी। वहीं 3 कुओं के माध्यम से टंकियों को भरने का सिलसिला बना हुआ था। जर्जर हुई एक टंकी को ढहाने के बाद से एक मात्र टंकी से होने वाली सप्लाई आबादी के अनुपात में केवल दिखावा बनी हुई है। एक टंकी के भरोसे जोड़ी गई अन्य सप्लाई के कारण जलापूर्ति व्यवस्था चरमरा गई है।
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