उदयपुर। जिले के अफीम किसान लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाते रहे हैं, लेकिन उनकी मांगें पूरी नहीं हो रही थी। मंगलवार को भारी संख्या में अफीम किसान जिला कलेक्ट्रेट पहुंच गए। इतनी संख्या में किसानों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को बैरिकेड्स लगाने पड़े। अफीम किसान लंबे समय से डोडा चूरा नष्टीकरण के लंबित मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
दरअसल, 'अफीम किसान संघ राजस्थान-मध्यप्रदेश' के बैनर तले मंगलवार को अफीम किसान सड़क पर आ गए। वल्लभनगर, मावली, भीण्डर और कानोड़ तहसील के अफीम उत्पादक किसान भारी संख्या में इस प्रदर्शन में शामिल हुए। उदयपुर कलेक्ट्रेट पहुंचकर किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया।
पहले सभी किसान टाउन हॉल पहुंचे और वहां से रैली के रूप में जिला कलेक्ट्रेट के लिए रवाना हुए। पुलिस ने पहले ही सड़क पर बैरिकेड्स लगा दिए थे। इस दौरान किसानों ने जमकर नारेबाजी की। अफीम किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्र में ज्ञापन सौंपा है।
प्रदर्शन में शामिल पदाधिकारियों ने बताया कि साल 2018 से 2024 तक डोडा चूरा नष्टीकरण का किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। किसानों ने लंबित मुआवजे की मांग और आगामी वर्ष 2024–25 के लिए डोडा चूरा नष्टीकरण की अनुमति को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है।
किसानों ने बताया कि बीते वर्षों में उन्होंने सरकार की तरफ से निर्धारित नियमों के तहत डोडा चूरा नष्ट किया, इसके बावजूद अब तक उन्हें नष्टीकरण का मुआवजा नहीं मिला है। ऐसे में भारी संख्या में किसानों ने सड़क पर निकलकर अपनी मांगों को प्रशासन के सामने रखा है।
Published on:
24 Jun 2025 05:13 pm