
Paper Leak In Rajasthan: राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने 21 दिसम्बर से शुरू हुई वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा में नकल रोकने के लिए जालोर और बाड़मेर सहित 5 जिलों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाए। जालोर और बाड़मेर के अधिकांश अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र उदयपुर कर दिया, लेकिन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वाले अभ्यर्थी और नकल कराने वाले सरगना उदयपुर तक पहुंच गए। उदयपुर में परीक्षा के पहले दो दिनों में तीन डमी अभ्यर्थी पकड़े गए थे, वहीं शनिवार को 49 लोग गिरफ्तार हुए। ये सभी जालोर जिले से संबंधित हैं। लाखों रुपए में सौदा करके डमी अभ्यर्थी बने, वहीं पेपर लीक करवाने के बदले 10-10 लाख में सौदा किया।
परीक्षा के पहले दिन बुधवार को उदयपुर में दो परीक्षा केंद्रों पर दो फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए। फतहपुरा स्थित विद्या भवन सीनियर सेकंडरी स्कूल से फर्जी अभ्यर्थी परेऊ गिड़ा बाड़मेर निवासी नरेंद्रसिंह पुत्र मानाराम जाट को गिरफ्तार किया गया। उसने डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा देकर पास कराने के बदले 15 लाख रुपए लेना तय किया था। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय एकलिंगपुरा के परीक्षा केंद्र पर फर्जी अभ्यर्थी खारा सांचोर जालोर निवासी मनोहरलाल पुत्र हरिराम विश्नोई को पकड़ा गया। मनोहरलाल फर्स्ट ग्रेड टीचर है और 7 लाख रुपए लेकर फर्जी अभ्यर्थी बना।
नकल के 2 ट्राइ एंगल नहीं तोड़ पा रही सरकार
जालोर, बाड़मेर, टोंक, करौली और सवाईमाधोपुर में आरपीएससी ने परीक्षा केंद्र नहीं दिए हैं। इन जिलों के परीक्षार्थियों को परीक्षा देने अन्य जिलों में भेजा गया है। इन जिलों में नकलचियों की गैंग की वजह से एक लाख से अधिक विद्यार्थी प्रभावित हुए हैं। आरपीएससी की अधिकांश परीक्षाओं में पकड़ी गई नकलचियों की गैंग बाड़मेर और जालोर के सांचौर कस्बे से है। जालोर, सांचौर और बाड़मेर प्रदेश में नकल का पहला ट्राइ एंगल है। नकलचियों का गढ़ सांचौर है, जहां से जालोर और बाड़मेर दोनों ही जिलों के परीक्षा केंद्रों पर नकल करवाई जाती है। टोंक, करौली व सवाईमाधोपुर तीनों जिले एक रूट पर है, यह दूसरा ट्राइ एंगल है।
Published on:
25 Dec 2022 03:50 pm
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