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RSRTC : रोडवेज का दोहरा मापदंड, आधी महिला कर्मचारियों को नहीं मिल रहा चाइल्ड केयर लीव

RSRTC News : राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में चाइल्ड केयर के अवकाश को लेकर दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं। आधी से अधिक महिला कर्मचारियों को नियमों की आड़ लेकर चाइल्ड केयर लीव नहीं दी जा रही है। जानें पूरा मामला।

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Rajasthan State Road Transport Corporation Double Standards Half Women Employees are not Getting Child Care Leave

RSRTC: रोडवेज के दोहरे मापदंड, आधी महिला कर्मचारियों को नहीं मिल रही चाइल्ड केयर लीव

RSRTC News : राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में चाइल्ड केयर के अवकाश को लेकर महिलाओं के दो संवर्गों के अलग-अलग नियमों की आड़ में दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं। निगम में कार्यरत महिलाओं में से आधी से अधिक महिला कर्मचारियों को नियमों की आड़ लेकर चाइल्ड केयर लीव नहीं दी जा रही है। रोडवेज में वर्तमान में 1200 महिला कर्मचारी कार्यरत है, इनमें से 389 महिला परिचालक और 300 के लगभग वर्कशॉप में तकनीकी संवर्ग की महिलाएं हैं। शेष मंत्रालयिक वर्ग में कार्यरत है। राज्य सरकार के नियम जिसमें मंत्रालयिक वर्ग की महिला कार्मिक आती है उन्हें फाइव डे वीक के साथ पूरे सर्विस काल में 720 चाइल्ड केयर लीव देय है। वहीं निगम के स्थाई आदेश 1965 से शासित महिला कर्मचारी जिनमें 389 महिला परिचालक और 300 के लगभग तकनीकी महिला कर्मचारी है, जो कि वर्कशॉप में कार्यरत है, उन्हें सप्ताह में छह दिन काम करना पड़ता है और उनको चाइल्ड केयर लीव भी नहीं दी जा रही है।

प्रस्ताव पर चल रहा है विचार - अनीता मीणा

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम इडीए अनीता मीणा ने कहा मंत्रालयिक कर्मचारी रेगुलेशन ऑर्डर्स में वर्क करते हैं, वहीं तकनीकी कर्मचारी और परिचालक स्टैंडिंग ऑर्डर्स में काम करते हैं। ये ऑर्डर्स फैक्ट्री एक्ट के अंतर्गत आता है। इसके बावजूद सभी महिला कर्मचारियों को एक समान लाभ देने के लिए बोर्ड में इस प्रस्ताव को लिया हुआ है। इस पर विचार चल रहा है।

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लीव के लिए संघर्ष जारी - मनीषा मेघवाल

केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य, भामस मनीषा मेघवाल ने कहा सभी को लीव मिले, इसके लिए संघर्ष किया जा रहा है। रोडवेज में स्थाई आदेशों से शासित महिला कर्मचारियों का हस्ताक्षर अभियान चलाकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा।

रोडवेज में दोहरे नियम लागू - सत्यनारायण शर्मा

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम, संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन प्रदेश महामंत्री सत्यनारायण शर्मा ने कहा रोडवेज में दोहरे नियम लागू किए हुए हैं। कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। महिला कार्मिक के साथ भेदभाव कर उन्हें चाइल्ड केयर लीव और पुरुषों को पितृत्व अवकाश नहीं देना निगम प्रबंधन का भेदभाव उजागर करता है। इसे लेकर दो माह पूर्व रोडवेज सीएमडी से वार्ता कर ज्ञापन दिया गया था। आश्वासन के बावजूद इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

महिला अधिकारी भी नहीं सुन रही

रोडवेज व परिवहन विभाग में वर्तमान में शीर्ष पदों पर महिला अधिकारी हैं। इनमें अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन, परिवहन आयुक्त, रोडवेज में सीएमडी, कार्यकारी निदेशक प्रशासन, कार्यकारी निदेशक यातायात जैसे प्रमुख पद शामिल हैं। इसके बावजूद महिलाओं की जायज मांग को पूरा नहीं किया जा रहा है।

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