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प्रधानमंत्री आवास योजना व ओडीएफ का गड़बड़झाला : भ्रष्टाचारी डकार गए गरीब आदिवासियों का हक

locationउदयपुरPublished: Feb 21, 2019 03:10:28 pm

Submitted by:

madhulika singh

– झाड़ोल क्षेत्र की ओड़ा ग्राम पंचायत का मामला
 

भुवनेश पंड्या/चंदनसिंह देवड़ा/उदयपुर . आदिवासी परिवारों को यह कहा गया था कि उनका घर बन जाएगा और उन्हें पक्का शौचालय भी मिल जाएगा, लेकिन पंचायत राज में पनपे भ्रष्टाचार के घुन ने उनके सपने खोखले कर दिए। केन्द्र सरकार ने जिनके लिए मकान का पैसा भेजा, वह उन तक नहीं पहुंचकर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। भ्रष्टाचार कहीं छप्पर डकार गया तो कही पूरा शौचालय ही निगल गया। यह हकीकत है जिले के झाड़ोल क्षेत्र की ग्राम पंचायत ओड़ा के सहीवाड़ा की है। कमोबेश पंचायत के अधिकतर गांवों में यही स्थिति है। जिला मुख्यालय से करीब 70 किमी दूर झाड़ोल क्षेत्र कीओड़ा पंचायत में पत्रिका टीम पहुंची तो पहाड़ों के बीच दूर-दूर छितराए घरों की पड़ताल में सामने आया कि पंचायत की सूची में जिन लोगों के नाम पर प्रधानमंत्री आवास योजना के घर दर्शा रखे हैं, वे झोपड़े से भी बदतर हैं। आवास योजना में खुलकर भ्रष्टाचार हुआ है। किसी को स्वीकृत राशि में से कुछ नहीं मिला तो किसी को आधी राशि देकर समझा दिया गया। गांव में जिसे शौचालय कहा जा रहा है, वहां केवल ईंटों की दीवार खड़ी है जिसका लाभार्थी उपयोग में नहीं कर रहे है। इसके बावजूद पंचायत को ओडीएफ का तमगा मिल गया। लोगों ने बताया कि शौचालय के पैसे उन्हें नहीं मिले। ठेकेदार ढाई सौ ईंट, एक बैग सीमेंट व टॉयलेट सीट दे गया। अधूरे ढांचों में लोगों ने अपना सामान व कबाड़ रखा हुआ है तो कोई इसे बर्तन मांझने के काम में ले रहे हैं। ज्यादातर टॉयलेट में न तो सीट लगी है और ना ही गेट। इनकी छत खुली है। ओड़ा ग्राम पंचायत में आठ गांव सहीवाड़ा, सरावली, मेलाना खुर्द, मेलाना कला, कालीगार, कुरावी खुर्द, गोदावतों का पाड़ा और बिलावास गांव शामिल हैं। ओड़ा को छोड़ सभी गांव में अशिक्षित आदिवासी लोगों के साथ आवास व शौचालय के नाम पर बड़ा गड़बड़झाला हुआ है।

केस 1: आवास की पूरी राशि डकार गए

वर्ष 2014-15 में सहीवाड़ा गांव की देवीबाई पति स्व. हरका का चयन प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए हुआ था। उसे मकान निर्माण की किस्त 35 हजार रुपए ओड़ा के बैंक को जारी हुए। यह राशि न तो उस तक पहुंची और ना ही बैंक डायरी में दर्ज हुई। बैंक जाने पर उसे टरका दिया गया। आदिवासी विधवा आज भी पक्के छप्पर की आस में टूटे झोपड़े में गुजर-बसर कर रही है।
केस 2: आधी राशि देकर डायरी में दर्शाई पूरी

प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी सहीवाड़ा के लाला/मंगला (आईडी नम्बर-17314एच) को 2016-17 में मकान बनाने के लिए 1.20 लाख रुपए जारी हुए थे, लेकिन उसे केवल 80 हजार रुपए ही मिले। यह बात वह खुद स्वीकार कर रहा है, जबकि उसके झोपड़े की दीवार पर 1.20 लाख रुपए स्वीकृत होना बताया है। बैंक की डायरी में आधी प्रविष्टियां कई गड़बड़झाले का इशारा करती है।
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नियमों से काम किया
हमने नियमों से काम किया है। कागज में जिनके नाम हैं, उनके वहां शौचालय बने हुए हैं। जिनका नाम घरों की सूची में लिखा गया है, उनके घर बनाए गए हैं। बकायदा उन्हें राशि दी गई है। 12 हजार रुपए शौचालय और 1 लाख 20 हजार और 17 हजार रुपए आवास के लिए अतिरिक्त रुपए दे रहे है। – खातुलाल परमार, सरपंच, ओड़ा ग्राम पंचायत
2016-17 के पांच मकान पूर्ण होने बाकी है, राशि पूरी दे दी है। 2014 में 80 शौचालय की राशि का भुगतान एलडीसी जमनालाल गोदारा ने किया था। बीडीओ आरसी मीणा ने फोन किया था कि शौचालय निर्माण की यूसी नहीं दी गई तो तत्काल जमा करवाई थी। रोहिमाला पंचायत में कलेक्टर के शिविर लगे थे, उस समय वहां उपयोगिता प्रमाण पत्र दिखाने थे। – अशोक अहारी, पूर्व सचिव

डेढ़ वर्ष से राशि खाते में आना बंद
मिनी बैंक से सरकारी योजनाओं की राशि जारी नहीं होती है। यह राशि तो लोगों के अन्य खातों में आती होगी। करीब डेढ वर्ष से ये राशि मिनी बैंक के खाते में आना बंद हो गई है। – मोहन पटेल, अध्यक्ष लेम्पस, ग्राम पंचायत ओड़ा
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