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इस तहसील मुख्यालय पर हर एक-दो घंटे में गुल होती है बिजली, फूटा जनाक्रोश

locationउदयपुरPublished: Jun 24, 2019 11:09:19 pm

Submitted by:

Sushil Kumar Singh

ग्रामीणों ने एसडीओ को सौंपा ज्ञापन, आंदेालन के लिए चेताया, उधार की बिजली से रोशन कोटड़ा के घर-आंगन

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इस तहसील मुख्यालय पर हर एक-दो घंटे में गुल होती है बिजली, फूटा जनाक्रोश

उदयपुर/ कोटड़ा. तहसील मुख्यालय पर हर एक-दो घंटे में गुल होने वाली बिजली समस्या का आक्रोश सोमवार को फूट पड़ा। स्थानीय व्यापारियों एवं आम उपभोक्ताओं ने बिजली समस्या को लेकर प्रतिष्ठान बंद रखे। बाद में समस्या के स्थायी समाधान को लेकर उपखण्ड अधिकारी के नाम तहसीलदार भाणाराम मीणा को ज्ञापन सौंपा। लोगों ने आरोप लगाया कि जिला कलक्टर को शिकायत के बाद भी उनकी समस्या पर किसी स्तर पर ध्यान नहीं दिया गया। आक्रोशित भीड़ ने स्पष्ट किया कि आगामी 8 दिनों में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था का ढर्रा नहीं सुधरता है तो वह मजबूरी में आंदोलन की राह पकड़ेंगे। झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी, जिला परिषद सदस्य कैलाश लखारा, भाजपा मंडल अध्यक्ष निर्मल गरासिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी व्यापारियों के साथ मौजूद थे। गौरतलब है कि क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था से मामेर के आमली, भूरी ढेबर, महाद, दोतड़, असावाड़ा, ढिया, बेड़ाधर, झेर के अलावा कोटड़ा क्षेत्र के कई दर्जन गांव जुड़े हुए हैं।
उधार की बिजली!
दूसरे सच पर गौर करें तो जिले के हर उपखण्ड मुख्यालय पर ही तहसील कार्यालय बना हुआ है। केवल कोटड़ा ही ऐसा तहसील मुख्यालय है, जहां उपखण्ड के अभाव में 132 केवी जीएसएस की सुविधा नहीं है। ऐसे में उदयपुर विद्युत वितरण निगम ने जोधपुर डिस्कॉम की सहायता से 33 केवी सप्लाई से कोटड़ा के घरों को रोशन किया हुआ है। ऐसे में बाधित विद्युत आपूर्ति की समस्या बनी रहती है। दूसरी खास वजह रात के समय पर तहसील मुख्यालय पर निगम के अधिकारियों की उपस्थिति का नहीं होना भी है।
लापरवाही की हद
बीते कई दिनों से क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बाधित है। अधिकारी समस्या को लेकर सुनते नहीं हैं। लोगों की नाराजगी जायज है।
बाबूलाल खराड़ी, विधायक, झाड़ोल

55 किलोमीटर की दूरी
कोटड़ा जीएसएस समीपवर्ती जोधपुर डिस्कॉम की अंतिम लाइन से करीब 55 किलोमीटर की सप्लाई लाइन से जुड़ा है। जंगल क्षेत्र में बार-बार फॉल्ट की शिकायत रहती है। 132 केवी जीएसएस होगा तो फॉल्ट की समस्या कम हो सकती है।
राहुल त्रिवेदी, सहायक अभियंता, कोटड़ा
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