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नहीं दिख रहा सरकार को, पिछोला की सफाई पर लुट रहा खजाना

नहीं दिख रहा सरकार को, पिछोला की सफाई पर लुट रहा खजाना

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मोहम्मद इलियास/उदयपुर

उदयपुर में झीलों की साफ सफाई नगर निगम की आर्थिक सेहत बिगाड़ रही है। इसमें भी सिर्फ पिछोला पर ही प्रतिवर्ष 80 लाख रुपए साफ सफाई पर खर्च हो रहे हैं। जबकि फतहसागर पर इसका आधा भी खर्च नहीं आ रहा। वहां सिर्फ 20 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। जाहिर है कि जहां होटल व मानव गतिविधियां ज्यादा है, वहां झील ज्यादा प्रदूषित हो रही है। इतना ही नहीं पिछोला झील में अभी भी कई जगह पर सीवरेज का गंदा पानी झीलों में गिर रहा है। यहां जलीय खरपतवार व जलकुंभी को साफ करने के लिए प्रतिदिन डी-विडिंग मशीन को झील में ही रखना पड़ रहा है। 20-30 मजदूरी प्रतिदिन किनारों पर सफाई कर रहे हैं। फतहसागर में मजदूरों से ही काम चल रहा है।
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निगम का खजाना हो रहा साफ, होटल संचालकों के मौज

पिछोला झील की साफ सफाई पर प्रतिवर्ष 80 लाख यानि प्रतिमाह करीब 6.50 लाख रुपए का खर्च आ रहा है। इसमें अकेले डी-विडिंग मशीन का प्रतिमाह खर्च 5.50 लाख है। इसमें प्रतिदिन मेंटेनेंस की तीन से चार हजार रुपए की राशि अलग है। इसके अलावा प्रति मजदूर मेहनताना पर भी खर्चा किया जा रहा है। इस झील में लाखों खर्च के बावजूद इनकम के रूप में होटल संचालकों से कुछ नहीं मिल रहा। जबकि होटल संचालक पर्यटकों को घुमाने के लिए प्रतियात्री 1500 से 2000 रुपए ले रहे हैं।

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घास कॉर्प मछली कर रही काम, पिछोला में परेशान

प्रशासन ने घास कॉर्प मछली को पिछोला व फतहसागर दोनों ही जगह छोड़ा था। इस मछली की खासियत है कि यह अपने वजन से तीन गुना घास खाती है। फतहसागर में छोड़ी गई यह मछलियां यहां प्रतिदिन झील की घास को साफ कर रही है, उनका वजन 5 से 6 किलो हो चुका है, लेकिन पिछोला में छोड़ी गई मछली सीवर के बीच ही फंस गई। एक लाख से ज्यादा बीज छोडऩे पर भी इस मछली का कोई सुखद परिणाम नहीं आया। निगम अधिकारी स्वीकार करते हैं कि झील में सीधा सीवरेज गिरने से यह हालत हो रहे हैं। जलकुंभी व जलीय घास को सीवर से पोषक तत्व मिलने से वे जल्दी बढ़ रहे हैं, हालत ऐसे हैं कि एक छोर पर सफाई करते ही वापस दूसरे छोर पर पहले जैसे हालत हो जाते हैं।

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पिछोला पर साल दर साल बढ़ रहा खर्च

वर्ष खर्च राशि मेंटेनेंस दर

2020 48.00 लाख 12.00 लाख

2021 52.80 लाख 13.20 लाख

2022 58.08 लाख 14.52 लाख

2023 63.88 लाख 15.97 लाख

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पिछोला पर खर्च

2015 से 2020 तक 5 साल में कुल खर्च- 4.80 करोड़

2019 से 2023 तक खर्च 2.93 करोड़
यानि 80 लाख रुपए साल के और प्रतिमाह में 6.50 लाख रुपए

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फतहसागर पर खर्च
20 लाख रुपए सालाना
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भराव क्षमता
फतहसागर - 427 एमसीएफटी
पिछोला - 483 एमसीएफटी
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फतहसागर में जो घास कॉर्प मछली छोड़ी गई थी, वह बड़ी हो चुकी है। वह प्रतिदिन जलीय घास को खा रही है, लेकिन पिछोला में सीवर के पानी से काफी नुकसान रहा है। आरटीआई में खुलासा हुआ है कि पिछोला में 80 लाख रुपए सालाना खर्च आ रहा है कि और फतहसागर में यह खर्च 20 लाख है। पिछोला में साफ सफाई पर हो रहे खर्च को रोकने के लिए यहां पर सीवर लाइन का बाहर निकाला जाना चाहिए।
तेजशंकर पालीवाल, झील प्रेमी