—– दोनों बेटिया दमक रही चंदेला ने कहा कि बड़ी बेटी तेजस्वी ने खुद को बिजनेस की ओर मोड कर चॉकलेट व डीजर्ट व्यवसाय जयपुर और उदयपुर में स्थापित किया है। तो छोटी बेटी जब मेडल लाती है तो सुकून ये होता है कि अब राष्ट्रगान की धुन बजेगी और तिरंगा लहराएगा, जब ये होता है तो लगता है कि हर खुशी झोली में आ गई।
—– मां चलती है हमेशा साथ अपूर्वी की मां बिन्दु राठौड़ ज्यादातर उसके साथ ही चलती है, हर दौरे में उसके साथ। शनिवार को मेडल मिलने की ाुशी जैसे ही पिता तक पहुंची तो वो झूम उठे। उन्होंने भगवान का आभार मानते हुए कहा कि एेसे ही कृपा बनी रहे। २६ वर्षीय अपूर्वी का लक्ष्य अब ऑल िपक में पदक झटकना है, जिसे लेकर वह घर से दूर जर्मनी, दिल्ली और बैंगलूरु में प्रशिक्षण में समय बिताती है।
—– अब जमाने गए पुराने पिता चंदेला ने कहा कि अब वो पुराना समय चला गया जब लोग बेटियों को कमतर आंकते थे, अब तो परिवार से लेकर सरकार तक में बेटियों की धाक है। युवाओं के लिए अपूर्वी चंदेला प्रेरणास्त्रोत बनकर उ ारी है। पिता होटल व्यवसायी हैं। अपूर्वी महीने में क ाी क ाार उनसे मिलती है, ज्यादातर दौरे पर रहती है, कई बार वे स्वयं उसके साथ चले जाते हैं। पिता की मंशा है कि बेटी अब २०२० के ऑल िपक में देश को बड़ा तोहफा दें। उसकी नजर सोने पर है।