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उदयपुर शहर में स्ट्रीट डॉग का आतंक लगातार बढ़ रहा है। कोर्ट के सख्त आदेशों के बावजूद नगर निगम ने अब तक इन्हें शेल्टर करने की कोई कार्रवाई नहीं की। ये स्ट्रीट डॉग प्रतिदिन किसी न किसी को काट रहे हैं। रविवार दोपहर गौतम विहार कॉलोनी में तीन डॉग ने एक मासूम बच्चे पर हमला कर नोंच दिया।
गनीमत रही कि बच्चे के चिल्लाने पर मां दौड़ पड़ी अन्यथा मासूम की जान जा सकती थी। घटना के बाद पूरे मोहल्ले में बच्चों व बड़ों में दहशत फैल गई। घटना के बाद मोहल्लेवासियों ने एनिमल एड संस्था में भी कॉल किया लेकिन कोई मदद नहीं मिली। इधर, डॉग के काटने पर बच्चे का अस्पताल में उपचार करवाया गया।
स्ट्रीट डॉग बाइट की यह घटना दोपहर डेढ़ बजे न्यू आरटीओ रोड स्थित गौतम विहार कॉलोनी में हुई। यहां दिनेश साहू का पांच वर्षीय पुत्र गौरांश साहू दोपहर को गली में ही किड्स स्कूटर से घूम रहा था तभी एक साथ झुंड में तीन डॉग उसके पीछे दौड़े।
गौरांश के रुकते ही उन्होंने उस पर हमला किया। बच्चा जैसे ही नीचे गिरा तो एक डॉग ने उसे नोंचते हुए काट गया। बच्चे के चिल्लाते ही पास ही घर के बाहर ही खड़ी मां प्रीति चिल्लाती हुई दौड़ी तो डॉग बच्चे को छोड़ भाग गए। गमीनत थी कि प्रीति की बच्चे पर नजर पड़ गई अन्यथा बच्चे की जान पर बन जाती है।
स्ट्रीट डॉग बाइट का यह पूरा घटनाक्रम वहां सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। कैमरे में स्पष्ट दिख रहा है कि एक डॉग ने बच्चे को नोंचने के बाद उसे काटा और दांतों ही उसे खींचते हुए उठाकर गिराया। सीसीटीवी में यह दृश्य जिसने भी देखा वह हिल गया। लोगों ने विरोध जताते हुए एनिमल एड पर फोन लगाया लेकिन उन्हें कहीं से कोई राहत नहीं मिली।
कोर्ट के आदेश से सभी स्ट्रीट डॉग को शेल्टर होम में भेजना है
स्ट्रीट डॉग और आवारा मवेशियों से लगातार हो रही मौतों और हमलों के मामलों को गंभीर मानते हुए सुप्रीम कोर्ट और राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर निगम को इन्हें पकडऩे और आबादी वाले क्षेत्रों से हटाने की पूरी छूट दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए कि आठ सप्ताह में सभी स्ट्रीट डॉग को शेल्टर होम में भेजा जाए और कार्रवाई में बाधा डालने वालों पर अवमानना का केस दर्ज किया जाए लेकिन निगम ने अब तक ऐसी कोई कार्रवाई शुरु नहीं की।
शहर में स्ट्रीट डॉग की संख्या 35 हजार से ऊपर है। पिछले 19 महीनों में इन्होंने 10 हजार से अधिक लोगों को काटा, जिनमें से 7866 को एमबी अस्पताल में इलाज किया। एक बालिका की मौत भी डॉग के हमले में हो चुकी है।
क्षेत्रवासियों में दहशत
कॉलोनीवासियों का कहना है कि गली-मोहल्लों में रोजाना 10-15 स्ट्रीट डॉग झुंड में घूमते हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों के लिए लपकते है, यह बड़ा खतरा बने हुए हैं।
लोग अब बाहर निकलने से पहले बच्चों को अकेले भेजने से डर रहे हैं।
Published on:
18 Aug 2025 04:50 pm
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