पैंथर रविवार रात करीब 12.00 बजे दरबार हॉल के पास गैलेरी में जा घुसा था। उसके गर्जने पर चौकीदार की उस पर नजर पड़ गई। उसने पैलेस के अधिकारियों को सूचना दी। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो पैंथर उसमें कैद मिला। उन्होंने तुरंत ही वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। आधे घंटे बाद ही वन विभाग की रेस्क्यू टीम में शामिल शूटर सतनाम सिंह, भरत कुमार वसीटा, दीपेन्द्रसिंह देवड़ा, शैलेन्द्र सिंह पहुंच गए। उन्होंने गैलेरी में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो उन्होंने पैंथर नहीं दिखा। गैलेरी काफी लम्बी व घुमावदार होने से अंदर किसी के जाने की हिम्मत नहीं हुई।
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पूरे 23 घंटे चला रेस्क्यू
कैमरे में गैलेरी में घुसे पैंथर की दिनभर हलचल दिखाई नहीं देने पर टीम ने शाम को वहां पिंजरा लगाकर एक बकरे को बांधा। उसके बाद लगातार टीम कैमरे पर ही नजर लगाए बैठी रही। रात करीब 10.30 बजे गैलेरी में सामान के बीच दुबका पैंथर जैसे ही शिकार की ओर लपका तभी शूटर सतनाम ने उसे ट्रेंक्यूलाइज कर दिया। पैंथर के बेहोश होते ही वे उसे बायलॉजिकल पार्क ले गए। वहां चिकित्सक करमेन्द्र प्रताप ने उसे ऑबर्रेवेशन में रखा। मंगलवार को उपचार के बाद वे उसे जयसमंद छोडेंग़े। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मादा पैंथर करीब तीन साल की है।