udaipur education department महिला शिक्षक खिलाडिय़ों के नहीं हुए एक भी मैच, पुरुष खिलाडिय़ों की मौजूदगी भी नाकाफी
उदयपुर/ फलासिया.
udaipur education department जिले के शिक्षा विभाग में खिलाड़ी शिक्षकों के बीच इन दिनों ‘अनूठा मैंचÓ चल रहा है। मैच के नाम पर शिक्षक खिलाड़ी प्रतियोगिता स्थल पर पहुंचकर औपचारिकताएं पूरी करने में लगे हैं। यानी ऑन ड्यूटी के नाम पर सरकार से वेतन और टीए और डीए जैसी सुविधाएं के लिए ‘खेलÓ हो रहा है और प्रशासनिक अमला इससे अनभिज्ञ बना हुआ है। अंधेरगर्दी तो तब हो रही है, जब टूर्नामेंट के नाम पर शिक्षक महिलाएं मेजबान स्कूल तक पहुंचकर भी एक मैच नहीं खेल रही हैं। ऐसा ही कुछ वाक्या सोमवार को फलासिया स्थित राजकीय विद्यालय में देखने को मिला। जिला स्तरीय टूर्नामेंट के तहत यहां वॉलीबॉल, कबड्डी, बेडमिंटन, टेबल टेनिस जैसे मैंचों में शिक्षक प्रतियोगियों को मैदान में उतरना था। लेकिन, स्कूल परिसर में बास्केट बॉल मैदान नहीं होने से यह मैच नहीं हो सके। वॉलीबॉल के मुकाबले में 17 टीमों की शिरकत दर्ज की गई। मावली से हुए मैच में खेरवाड़ा विजयी रही। सायरा पर गोगुंदा, सेमारी पर फलासिया ने जीत दर्ज कराई। कबड्डी में फलासिया व खेरवाड़ा ने जीत दर्ज कराई तो बेडमिंटन में झाड़ोल विजेता रही।
हस्ताक्षर के मुकाबले कम उपस्थिति
टूर्नामेंट रेकॉर्ड के हिसाब से प्रतियोगिता में 610 पुरुष शिक्षक और 253 महिला शिक्षकों ने मैदान में शिरकत की। वहीं व्यवस्था के तौर पर करीब 175 शिक्षकों की मौजूदगी होनी थी। यानी करीब एक हजार शिक्षकों से यह स्कूल परिसर भरापूरा दिखना चाहिए था। लेकिन, मौके पर शिक्षक खिलाडिय़ों की उपस्थिति का माहौल कुछ ओर ही था। एक हिसाब से केवल 100 खिलाड़ी शिक्षक ही मैदान में दिखे। बात महिला शिक्षकों की करें तो उनकी उपस्थिति 253 के जवाब में महज 10 ही दिखी। जानकारी में आया कि मैच के बहाने से उपस्थिति देने आई शिक्षिकाओं का बड़ा समूह स्थानीय प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने के लिए गया हुआ था। इसी के चलते महिला शिक्षक खिलाडिय़ों के एक भी मैच नहीं हो सके।
संस्था प्रधान देंगे जानकारी
शिक्षक और शिक्षिकाओं की अनुपस्थिति का मामला मेरी जानकारी में नहीं है। ज्यादा जानकारी संस्था प्रधान ही दे सकते हैं।
पन्नालाल मेघवाल, सीबीइओ, झाड़ोल
पहली बार टूर्नामेंट
ग्रामीण इलाके में पहली बार टूर्नामेंट हुए हैं। इसके चलते महिलाओं की संख्या कम रही है। यह सही है कि बहुत सारा स्टाफ उपस्थिति की औपचारिकता कर चला गया। कल नहीं आने वाली महिला शिक्षिकाओं की ड्यूटी नहीं जोड़ी जाएगी।
कैलाश जोशी, संस्थाप्रधान, राजकीय विद्यालय फलासिया
रखेंगे नए प्रस्ताव
ग्रामीण इलाकों तक शिक्षिकाओं को पहुंचने में सुविधा हुई है। ऐसी महिला शिक्षक खिलाडिय़ों के लिए शहर के समीपवर्ती इलाकों में टूर्नामेंट रखने के प्रस्ताव दिए जाएंगे।
लक्ष्मणदास वैष्णव, अध्यक्ष, वाक्पीठ माध्यमिक शिक्षा