
उदयपुर . दुनियाभर में झीलों और अपने अप्रतिम नैसर्गिक सौंदर्य के कारण ख्यात लेकसिटी में यूूं तो साल भर सैलानियों की रेलमपेल बनी रहती है। लेकिन, आंकड़े गवाह हैं कि बड़े दिन और शीतकालीन अवकाश के अलावा नए साल का जश्न मनाने देश-विदेश के हजारों सैलानी यहां के मेहमान बनते हैं। उन्हें मौसम की खुशगवार रंगत और झीलों में ठहरे नीला पानी के अलावा शहर के चहुंओर आच्छादित अरावली उपत्यकाएं बरबस यहां खींच लाती हैं। साल के अंत में इन सैलानियों को दस दिन चलने वाले लोक शिल्प के उत्सव सहित पुष्प प्रदर्शनी का आकर्षण विशेष आनंद देता है।
यहां आने वाले पर्यटक न केवल शहर की सांस्कृतिक विरासत से रू-ब-रू होते हैं। अपितु वे आसपास के रमणीक पर्यटन स्थलों पर भी जाना नहीं भूलते। जिनमें एेतिहासिक दृष्टि से कुंभलगढ़ दुर्ग , जयसमंद झील, राजसमंद झील, हल्दीघाटी और चित्तौडग़ढ़ दुर्ग के अलावा धार्मिक दृष्टि से चित्तौड़ के सांवलियाजी, नाथद्वारा के श्रीनाथजी, बांसवाड़ा में त्रिपुरासुंदरी, ऋषभदेव के पाश्र्वनाथ तथा राजसमंद के चारभुजाजी और द्वारकाधीशजी प्रमुख हैं। अकेले उदयपुर शहर में सिटी पैलेस से लेकर लेक पैलेस, जगमंदिर-जगनिवास, गणगौर घाट, फतहसागर, मोती मगरी, प्रताप गौरव केंद्र, सज्जनगढ़, बायलोजिकल पार्क, सहेलियों की बाड़ी, जगदीश मंदिर, करणीमाता जैसे अनेक टूरिस्ट प्वाइंट आमजन सहित पर्यटकों को लुभाते हैं। एेसे में टूरिस्ट सिटी के मेहमानों जब कभी शहर की राहों पर हुजूम की तरह उतरते हैं लगता है मानों हर राह बाधित हो गई हो।
हॉट वेडिंग डेस्टिनेशन और शूटिंग प्लेस भी
इसके अलावा देश भर से अनेक युवा और कई एनआरआई भी लेकसिटी में आकर शादी-ब्याह के मंसूबे पूरे करते हैं। इसी के चलते यह शहर हॉट वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी विख्यात हो चुका है। बॉलीवुड और हॉलीवुड के अनेक निर्देशकों ने बरसों इसके कुदरती अनुपम सौंदर्य को कैदकर सैकड़ों फिल्में और टीवी सीरियल्स का निर्माण भी किया है। आंकड़ों की जुबानी, पर्यटन की कहानी आंकड़ों के हिसाब से शहर में क्रिसमस और न्यू ईयर मनाने आने वाले पर्यटकों की संख्या साल के अंत में यकायक बढ़ जाती है। कुछ इस कदर कि कई मर्तबा इस दौरान आने वाले पर्यटकों की संख्या साल भर आने वाले सैलानियों के मुकाबले भारी लगती है। मसलन, सहेलियों की बाड़ी में 21 से 30 दिसंबर के बीच 44 हजार से अधिक पर्यटक सहेलियों की बाड़ी, 23 हजार से अधिक सज्जनगढ़ और 20 हजार से ज्यादा बायोलॉजिकल पार्क पहुंचे। इसमें कई बार दरअसल, साल के अंत में इस तरह ताबड़तोड़ टूरिस्टों के पहुंचने से पुलिस-प्रशासन को यातायात व सुरक्षा के विशेष इंतजाम करने पड़ते हैं। जानकार बताते हैं कि वर्ष के अंतिम सप्ताह प्रतिदिन १० से १५ हजार पर्यटक यहां पहुंचते हैं जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
आइए, सैलानियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालते हैं-
साल 2011 में कुल 69165 देसी व 19038 विदेशी पामणे आए। इसी तरह, वर्ष 2012 में 70958 देशी तथा 20733 विदेशी, 2013 में 93501 देशी और 23959 विदेशी, 2014 में 98285 देशी व 16832 विदेशी, 2015 में 102822 देशी व 18336 विदेशी और साल 2016 में 105455 लाख देशी और 20478 विदेशी के अलावा वर्ष 2017 के अंत तक 1015233 देशी और 21924 विदेशी टूरिस्ट आए। इस तरह, साल 2016 और 2017 में ही 12 से 13 प्रतिशत देशी तथा करीब 4 से 5 प्रतिशत विदेशी सैलानियों की बढ़त दर्ज हुई।
Published on:
02 Jan 2018 08:15 pm
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