
देश के किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कृषि में नवाचार, अनुसंधान और इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट पर वल्र्ड बैंक 1100 करोड़ रुपए खर्च करेगा। यह राशि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की देखरेख में 30 कृषि विश्वविद्यालयों को दी जाएगी। परिषद ने इसके लिए सभी कृषि विवि से प्रोजेक्ट मांगे हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सूत्रों के अनुसार वल्र्ड बैंक भारत को नेशनल एग्रीकल्चर हायर एज्युकेशन प्रोग्राम के तहत 1100 करोड़ रुपए की सहायता देगा। यह राशि तीन तरह के प्रोजेक्ट पर खर्च होगी। सभी कृषि विवि ने संस्थागत विकास, अनुसंधान और नवाचार के प्रोजेक्ट तैयार करके भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को भिजवा दिए हैं।
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इनको लेकर चयन की प्रक्रिया चल रही है। जिनके प्रोजेक्ट्स का चयन होगा, उन्हें तत्काल राशि जारी कर दी जाएगी। खास बात यह है कि किसी भी एक तरह के प्रोजेक्ट में चयनियत होने वाले कृषि विश्वविद्यालय को दूसरी तरह के प्रोजेक्ट में शामिल नहीं किया जाएगा।
ऐसे होगा राशि का वितरण
-संस्थागत विकास के लिए 10 विश्वविद्यालयों को उनके प्रोजेक्ट मंजूर होते ही 35-35 करोड़ रुपए की सहायता दी जाएगी।
-अनुसंधान के क्षेत्र में जिन 10 विवि के प्रोजेक्ट चयनित हुए हैं उन्हें प्रत्येक को 25-25 करोड़ रुपए की राशि मिलेगी।
-नवाचार के क्षेत्र में जिन 10 विवि के प्रोजेक्ट्स का चयन होगा, उन्हें प्रत्येक को 5-5 करोड़ रुपए की राशि मिलेगी।
तीन साल में खर्च करनी होगी राशि
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को 1100 करोड़ रुपए की यह राशि 3 साल में खर्च करनी होगी। इसकी पहली किश्त मिल चुकी है। कृषि विवि ने इसके लिए प्रोजेक्ट भेजे हैं, उनकी चयन प्रक्रिया जारी है।
एन एस राठौड़, डिप्टी डायरेक्टर जनरल, कृषि अनुसंधान परिषद
Published on:
17 Nov 2017 10:25 am
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