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सावन के दूसरे सोमवार दो रूपों में नगर भ्रमण करेंगे बाबा महाकाल, कुछ लोग ही जानते हैं इसकी विशेषता

उम्मीद जताई जा रही है कि, महाकाल की दूसरी सवारी में भी पिछली बार की तरह बड़ी संख्‍या में भक्‍त शामिल होंगे।

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सावन के दूसरे सोमवार दो रूपों में नगर भ्रमण करेंगे बाबा महाकाल, कुछ लोग ही जानते हैं इसकी विशेषता

महाकाल की श्रावण और भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में 17 जुलाई को दूसरे सोमवार की सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी। बाबा महाकाल चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में तथा हाथी पर मनमहेश के रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने निकलेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि, महाकाल की दूसरी सवारी में भी पिछली बार की तरह बड़ी संख्‍या में भक्‍त शामिल होंगे।

दूसरे सोमवार पर बाबा महाकाल सवारी पर सवार होकर भक्तों को दो रूपों में दर्शन देंगे। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर के रूप में और हाथी पर मनमहेश के रूप में सवार होकर निकलेंगे।

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सभामंडप से निकलेगी पालकी

इस संबंध में महाकाल प्रबंध समिति के प्रशासक और अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी का कहना है कि, महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने से पहले मंदिर के सभामंडप में भगवान चंद्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद पालकी में विराजित होकर महाकाल नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा।

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इन रास्तों से गुजरेगी महाकाल की सवारी

बाबा महाकाल की शाही सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी, जहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।


सोमवती अमावस्‍या का महापर्व

सोमवार को शाम चार बजे शाही ठाठ-बाट के साथ शाही सवारी महाकाल मंदिर से निकलेगी। इसी के साथ सोमवार को ही सोमवती अमावस्या का महापर्व भी है। सुबह शिप्रा और सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में पर्व स्नान होगा, जिसकी वजह से बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु उज्‍जैन पहुंचने लगे हैं।