बदलेगा भस्म आरती में प्रवेश करने का तरीका
मंदिर समिति भस्म आरती में प्रवेश करने के लिए जल्द हाईटेक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन रिस्ट बैंड (RFID Band) का उपयोग करने जा रही है। यह एक वायरलेस टेक्नोलॉजी बैंड है जिसमे स्मार्ट लेबल में एनकोड किए गए डेटा को रीडर टूल की मदद से पढ़ा जाता है। इसके लिए बना एप, कम्प्यूटर, स्कैनर और प्रिंटर को एक हफ्ते के अंदर मंदिर में इंस्टाल किया जाएगा। इस हाईटेक बैंड में बारकोड स्कैनर के साथ-साथ श्रध्द्धालुओं के नाम, उम्र, पता, दिनांक और समय भी प्रिंट होगा। श्रद्धालु को ऑनलाइन या ऑफलाइन परमिशन के बाद मंदिर में प्रवेश करने से पहले काउंटर पर बारकोड स्कैन कर कलाई पर बांधने के लिए यह बैंड दिया जायेगा। श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश से लेकर भस्म आरती खत्म होने तक अपनी कलाई पर यह बैंड को बांधकर रखना होगा और अंतिम में निर्धारित काउंटर पर जमा करना होगा। अभी फिलहाल इस बैंड की टेस्टिंग चल रही है। यह भी पढ़े – शर्मनाक! गर्भवती को एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुई, हाथ ठेले पर दिया बच्चे को जन्म, अब गरमाई सियासत लड्डू प्रसादी पर होगा समिति का कापीराइट
इसके अलावा मंदिर समिति कापीराइट एक्ट के तहत लड्डू प्रसादी का पंजीयन भी करवा रहा है। ऐसा इस लिए क्योंकि बहुत से लोग मंदिर से थोक में लड्डू प्रसादी खरीद कर बाहर बाजारों में ऊंचे दामों पर बेच देते है जबकि मंदिर में यह प्रसादी ‘नो लास नो प्रॉफिट’ के आधार पर दी जाती है। ऐसे में मंदिर समिति लड्डू प्रसादी का कापीराइट एक्ट के तहत पंजीयन करवाने के बाद ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर सकेगी जो बाहर ऊंचे दामों पर महाकाल का लड्डू प्रसाद बेच रहे है।