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Diwali 2021: गजलक्ष्मी के दर्शन से मिलता है संतान और सौभाग्य का सुख

महिलाओं को यहां माता को साल भर चढ़ा हुआ सौभाग्य कर कुमकुम दिया जाता है.

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गजलक्ष्मी के दर्शन से मिलता है संतान और सौभाग्य का सुख

गजलक्ष्मी के दर्शन से मिलता है संतान और सौभाग्य का सुख

उज्जैन. मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में गजलक्ष्मी का ऐसा मंदिर है। जहां श्रद्धालु संतान की कामना करते हैं। वहीं सुहागन महिलाओं को यहां माता को साल भर चढ़ा हुआ सौभाग्य कर कुमकुम दिया जाता है। कहा जाता है कि इसे मस्तक पर लगाने से महिलाओं का भाग्य और जगमगा जाता है। इसलिए दीपावली के अवसर पर श्रद्धालु गजलक्ष्मी के दर्शन करने के लिए उमड़ते हैं।

सराफा बाजार में है माता का मंदिर


उज्जैन में नई पेठ के बीच सराफा बाजार में गजलक्ष्मी का मंदिर है। गजलक्ष्मी की पूजा अर्चना माता कुंती ने भी थी, माता के दर्शन के लिए शुक्रवार को काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। गजलक्ष्मी की आराधना राजा विक्रमादित्य भी करते थे।

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सुहाग पड़वा को मिलता है कुमकुम
गज लक्ष्मी के मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन सुहाग पड़वा का आयोजन किया जाता है। इस दिन माता गजलक्ष्मी का विशेष श्रंगार करने के साथ ही माता को सालभर चढ़े हुए कुमकुम का वितरण भी किया जाएगा। गजलक्ष्मी दिन में तीन रूपों में दर्शन देती हैं। जिससे वे श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक हैं।

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उज्जैन में चार लक्ष्मी मंदिर

उज्जैन शहर में वैसे तो लक्ष्मी माता के चार मंदिर हैं। जिसमें एक गज लक्ष्मी मंदिर है, वहीं दूसरा गोलामंडी में स्थित वैभवलक्ष्मी वेंकटेश मंदिर है। बताया जाता है कि यह प्रतिमा महाराष्ट्र से लाकर उज्जैन स्थापित की गई थी। यहां सालभर जो साडिय़ां चढ़ती है वह दीपावली के दिन श्रद्धालुओं को बांट दी जाती है। तीसरा मंदिर गढ़कालिका में अष्ट वैभव महालक्ष्मी मंदिर है। चौथा महाकाल मंदिर के पास प्राचीन गजलक्ष्मी मंदिर है। इन मंदिरों में दीपावली पर श्रद्धालु काफी संख्या में दर्शन करने पहुंचते हैं।