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बचपन में शिक्षकों ने कहा था ‘ये बच्चा कुछ अलग’, खोले स्टूडेंट ‘मोहन यादव’ के राज

CM Mohan Yadav: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव(CM Mohan Yadav) के राजनीतिक कौशल और प्रशासनिक दक्षता पर आज सबकी नजर है, लेकिन उनके गुरुजन वर्षों पहले ही कह चुके थे, यह बच्चा कुछ अलग है, बंदे में है दम।

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Collector-Commissioner conference will be held in Bhopal after Dussehra

Collector-Commissioner conference will be held in Bhopal after Dussehra (फोटो सोर्स : @DrMohanYadav51)

CM Mohan Yadav: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव(CM Mohan Yadav) के राजनीतिक कौशल और प्रशासनिक दक्षता पर आज सबकी नजर है, लेकिन उनके गुरुजन वर्षों पहले ही कह चुके थे, यह बच्चा कुछ अलग है, बंदे में है दम। माधव विज्ञान महाविद्यालय से छात्र राजनीति की शुरुआत करने वाले मोहन ने हमेशा संघर्ष, नेतृत्व और नई सोच से खुद को साबित किया। शिक्षक दिवस पर उनके गुरु प्रो. डॉ. गोपाल शर्मा और प्रो. रमाकांत नागर बताते हैं, मोहन न केवल पढ़ाई में मेधावी थे, बल्कि वाद-विवाद और संगठनात्मक गतिविधियों में भी सबसे आगे रहते थे। डॉ. यादव ने भी हाल ही में कहा है कि मोहन शब्द का यदि संधि विच्छेद करेंगे, तो उसका आशय मोह-न होगा, यानी किसी से मोह नहीं, बस अपने काम के प्रति मेरा मोह रहता है। शिक्षक दिवस पर उनके गुरुजन कई किस्से साझा किए।

शुरू से ही लीडरशिप का जुनूनः डॉ. शर्मा

सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. गोपाल शर्मा कहते हैं, मोहन यादव(CM Mohan Yadav) की सबसे बड़ी खासियत थी गहराई तक जाना और ठान लेने के बाद उसे पूरा करके ही दम लेना। डॉ. शर्मा का मानना है कि डॉ. यादव की सफलता का राज उनकी जमीन से जुड़ी सोच और हर वर्ग को साथ लेकर चलने की कला है।

कभी गलत हरकत में शामिल नहीं

विक्रम विवि के सेवानिवृत्त प्रोफेसर नागर ने बताया कि 1982 से 84 के बीच उन्होंने डॉ. यादव को केमिस्ट्री पढ़ाई थी. तब से उनके व्यक्तित्व में अनुशासन, नेतृत्व और दृढ़ता के गुण साफ दिखते थे। नागर के अनुसार, मोहन(CM Mohan Yadav) कभी किसी गलत हरकत में शामिल नहीं होते थे। वे इतने जिम्मेदार थे कि जब भी कोई छात्र शरारत करता तो शिक्षक खुद मोहन को कहते कि उसे संभालो। वे अपनी शैली में उस छात्र को सही रास्ते पर ले आते।