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सबसे बड़ा ‘महाकाल लोक’, देश का सबसे लंबा 940 मीटर का मंदिर कॉरिडोर

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से तीन गुना बड़ा, 20.23 हेक्टेयर का शिव संसार, श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद श्रद्धालु यहीं से होते हुए मंदिर में प्रवेश करेंगे।

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उज्जैन. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PM Narendra Modi आज श्री महाकाल लोक Mahakal Lok का लोकार्पण करेंगे. वे शाम को उज्जैन Ujjain आएंगे और महाकाल की विधिवत पूजा—अर्चना के बाद श्री महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे. इसके बाद पीएम मोदी कार्तिक मेला ग्राउंड में धर्मसभा को संबोधित करेंगे. श्री महाकाल लोक देश का सबसे बड़ा और भव्य मंदिर कॉरिडोर Mahakal Corridor है. इसके बन जाने से महाकाल मंदिर परिसर में करीब 20 गुना विस्तार हुआ है.

आधिकारिक जानकारी के अनुसार महाकाल लोक यानि महाकाल कॉरिडोर बनने से श्रद्धालुओं के उपयोग के लिए पहले उपलब्ध 2.82 हेक्टेयर का मंदिर परिसर अब 20.23 हेक्टेयर का हो गया है। यहां 108 स्तंभों पर शिव के आनंद की विभिन्न मुद्राएं उकेरी गई हैं. इस कॉरिडोर में 190 से अधिक प्रतिमाएं, देश की सबसे लंबी म्यूरल वॉल, 100 से ज्यादा कीर्ति स्तंभ हैं।

देश का सबसे लंबा मंदिर कॉरिडोर, कुल 940 मीटर में शिव लोक बसाया—
श्री महाकाल लोक बनने से मंदिर परिसर 20 गुना फैल गया है। मंदिर का क्षेत्रफल 2.82 हेक्टेयर से रूद्र सागर सहित अब 46.5 हेक्टेयर हो जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर में 20.23 हेक्टेयर खाली स्थान भी मिलेगा। यह देश का सबसे लंबा मंदिर कॉरिडोर Mahakal Corridor है. यहां कुल 940 मीटर में शिव लोक बसाया गया है। यह काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर से करीब 3 गुना बड़ा है.

यह होगा लाभ
पहले प्रमुख पर्व पर पीक अवर में एक समय में 40-50 हजार लोग परिसर और होल्डिंग एरिया में जमा हो पाते थे. क्राउड मैनेजमेंट एक्सपर्ट का आकलन है कि अब यह क्षमता दो लाख श्रद्धालुओं की हो जाएगी। इसके अलावा एक साथ 10 लाख श्रद्धालुओं को दर्शन करने की सुविधा मिल जाएगी. पहले यह क्षमता नागपंचमी जैसे पर्व पर अधिकतम 4 से 5 लाख तक सीमित थी। अधिकारियों के अनुसार मंदिर परिसर में कतार में सबसे आखिर में खड़े व्यक्ति को दर्शन कर बाहर आने में यदि तीन घंटे का समय भी लगता है तो भी अब एक दिन में 8-10 लाख लोग आसानी से दर्शन कर सकेंगे।

ऐसा है अलौकिक लोक
— 940 मीटर लंबा देश का सबसे बडा धार्मिक कारिडोर
— 108 स्तंभों पर शिव के आनंद के विभिन्न रूप
— 190 मूर्तियां बताती हैं शिव पुराण की कथाएं