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video : महाकाल ने भक्तों को पांच रूपों में दिए दर्शन

सावन की चार सवारियों की तुलना में भादौ की पहली सवारी में श्रद्धालुओं की संख्या कम

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उज्जैन. सावन की चार सवारियों के बाद सोमवार को भादौ मास की प्रथम सवारी धूमधाम के साथ निकली। हालांकि इस सवारी में अन्य चार की तुलना में भीड़ कम रही। जयकारों के बीच राजाधिराज महाकाल का भादौ मास के पहले सोमवार को पूरे लाव लश्कर के साथ नगर भ्रमण हुआ। राजाधिराज महाकाल ने अपने भक्तों को पांच स्वरूपों में दर्शन दिए। सवारी में श्रावण के चार सोमवार सवारियों की तुलना में श्रद्धालुओं की संख्या कम रही।

सभा मंडप में हुआ पूजन
भादौ मास के प्रथम सोमवार को भगवान महाकाल मंदिर के सभा मंडप में विधिवत पूजन-अर्चन के बाद पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले। विधिवत पूजन-अर्चन पं. घनश्याम पुजारी ने संपन्न कराई। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने पूजन के बाद सवारी को आगे बढाकर नगर भ्रमण की और रवाना किया।

IMAGE CREDIT: patrika

पालकी में विराजे भगवान चंद्रमौलेश्वर
पालकी में भगवान चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमा-महेश तथा डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद विराजित था। इस प्रकार श्रावण-भादौ मास की पांचवी सवारी में भगवान महाकाल ने पांच रूपों में अपने भक्तों को दर्शन दिए।

पुलिस ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर
महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार पर मध्य प्रदेश सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने राजा महाकाल को सलामी दी। राजाधिराज महाकाल पालकी पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले, तो हजारों की संख्या में श्रद्धालु आनंदित हो गए। माहौल उज्जैन में आनंद भयो, जय महाकाल की के जयघोष से गुंजनमाय हो गया।

ये रहा सवारी मार्ग
सवारी महाकाल मंदिर से आरंभ होकर गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची। रामघाट पर शिप्रा के जल से अभिषेक कर पूजा-अर्चना की गई। पूजन के बाद भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से रामानुज कोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर पंहुची। यहां परंपरानुसार गोपाल मंदिर के पुजारी द्वारा भगवान महाकाल का पूजन किया गया। सवारी गोपाल मंदिर से पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होती हुई पुन: महाकाल मंदिर पहुंची। श्रावण-भादौ मास की आखरी और शाही सवारी 3 सितम्बर सोमवार को निकलेगी।