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उज्जैन की इस हॉट विधान सभा सीट पर इस बार यादव वर्सेज यादव, राजपूत और ब्राह्मणों की नगरी में ओबीसी पर जीत का दांव

MP Assembly Elections 2023 : जिले की हॉट सीट उज्जैन दक्षिण विधानसभा में इस बार यादव वर्सेज यादव है। बीते करीब 55 वर्षों में यह तीसरा मौका है, जब विधानसभा चुनाव में एक ही समाज के प्रत्याशी प्रमुख दलों से आमने-सामने हैं

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MP Assembly Elections 2023 : जिले की हॉट सीट उज्जैन दक्षिण विधानसभा में इस बार यादव वर्सेज यादव है। बीते करीब 55 वर्षों में यह तीसरा मौका है, जब विधानसभा चुनाव में एक ही समाज के प्रत्याशी प्रमुख दलों से आमने-सामने हैं। इसके अलावा कुछ अन्य जातिगत समीकरणों के कारण इस चुनाव के और रोचक होने की संभावना है। भाजपा ने उज्जैन दक्षिण सीट पर दो बार के विधायक और मंत्री डॉ. मोहन यादव को मैदान में उतारा है वहीं कांग्रेस ने युवा चेहरे चेतन यादव पर भरोसा जताया है। दोनों प्रत्याशी एक ही यादव समाज से हैं इसलिए यहां सामाजिक समीकरण का विशेष महत्व रहेगा।

55 वर्षों में तीसरी बार यह स्थिति बन रही है, जब एक ही समाज के प्रत्याशी आमने-सामने हैं। इससे पूर्व वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के शिवनारायण जागीरदार और कांग्रेस की प्रीति भार्गव चुनाव लड़े थे। 2008 के चुनाव में भाजपा के शिवरनारायण जागीरदार और कांग्रेस के पं. योगेश शर्मा आमने-सामने हुए थे। इन दोनों चुनाव में भाजपा प्रत्याशी जागीरदार जीते थे। 2008 के चुनाव में जयङ्क्षसह दरबार व राजेंद्र वशिष्ठ के बगावत कर चुनाव लडऩे से योगेश शर्मा की जमानत जब्त हो गई थी। सीट का ट्रेंड देखें तो किसी भी प्रत्याशी को तीसरी बार मौका नहीं मिला। डॉ. यादव के पूर्व महावीरप्रसाद वशिष्ठ व शिवनारायण जागीरदार ऐसे प्रत्याशी रहे, जिन्हें दो-दो बार जीत मिली। दोनों प्रत्याशी एक समाज के होने से जातीय समीकरण मायने रखेंगे। क्षेत्र में राजपूत और ब्राह्मण समाज की बाहुल्यता है और दोनों पार्टी के प्रत्याशी यादव हैं। राजपूत और ब्राह्मण बाहुल्यता के चलते दोनों समाजों की भूमिका किसी के लिए भी परिणाम पक्ष या विपक्ष में करने की ताकत रखेगी।

तीसरी चुनौती की संभावना...

इससे कश्मकश बढ़ेगी दक्षिण विधानसभा में आम आदमी पार्टी या निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में तीसरी चुनौती मिलने की संभावना है। चर्चा है कि सामान्य वर्ग के कुछ असंतुष्ट नेता आप से या निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। ऐसा होता है तो वोटों का सामाजिक ध्रुवीकरण होने की संभावना रहेगी। इसका नुकसान भाजपा या कांग्रेस को होगा, यह कहना मुश्किल वर्तमान में मुश्किल है।

55 वर्ष में कौन, किसके सामने लड़ा

1. विस 1967 जीते- भारतीय जनसंघ, गंगाराम नजदीक हार- कांग्रेस, एन. मरमट

2. विस 1972 जीते- कांग्रेस, दुर्गादास सूर्यवंशी हारे- जनसंघ, गंगाराम परमार

3. विस 1977 जीते- जनता पार्टी, गोविंदराव विश्वनाथ नायक हारे- कांग्रेस, वहीदुद्दीन कुरैशी

4. विस 1980 जीते- कांग्रेस, महावरीप्रसाद वशिष्ठ नजदीक हार-भाजपा, बाबूलाल जैन

5. विस 1985 जीते- कांग्रेस, महावीरप्रसाद वशिष्ठ नजदीक हार- भाजपा, बापूसिंह पटेल

6. विस 1990 जीते- भाजपा, बाबूलाल मेहरे नजदीक हार-कांग्रेस, मनोहर बैरागी

7. विस 1993 जीते- भाजपा, शिवा कोटवानी नजदीक हार- कांग्रेस, महावीरप्रसाद वशिष्ठ

8. विस 1998 जीते- कांग्रेस, प्रीति भार्गव नजदीक हार-भाजपा, शिवा कोटवानी

9. विस 2003 जीते-भाजपा, शिवनारायण जागीरदार नजदीक हार- कांग्रेस, प्रीति भार्गव

10. विस 2008 जीते- भाजपा, शिवरनारायण जागीरदार चौथे क्रम पर- कांग्रेस, योगेश शर्मा

11. विस 2013 जीते- भाजपा, डॉ. मोहन यादव नजदीक हार- कांग्रेस, जय सिंह दरबार

12. विस 2018 जीते- भाजपा, डॉ. मोहन यादव हारे- कांग्रेस, राजेंद्र वशिष्ठ

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