scriptvideo : मोक्षदायिनी शिप्रा की हालत दिन पर दिन हो रही बदतर | People get annoyed due to pollution in Shipra river | Patrika News

video : मोक्षदायिनी शिप्रा की हालत दिन पर दिन हो रही बदतर

locationउज्जैनPublished: May 04, 2018 02:11:49 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

रामघाट पर आने वाले श्रद्धालु नहाना तो दूर आचमन से भी कतराते हैं।

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उज्जैन. पतित पावनी मां शिप्रा का आंचल मैला हो रहा है। करोड़ों रुपए शिप्रा शुद्धिकरण पर खर्च करने के बाद भी मोक्षदायिनी शिप्रा की हालत दिन पर दिन बदतर हो रही है। आने वाले श्रद्धालु यहां नहाना तो दूर, आचमन से भी कतराते हैं। बदबू और मटमैला पानी देखकर हर कोई शिप्रा के किनारे बैठना भी पसंद नहीं कर रहा।

बड़ी संख्या में मरी पड़ी हैं मछलियां
शिप्रा नदी की हालत दिन पर दिन बदतर होती जा रही है। रामघाट पर स्थिति किसी नाले के समान हो गई है। यहां बड़ी संख्या में मछलियां मरी पड़ी हैं और इनकी दुर्गंध दूर-दूर तक फैल रही है। श्रद्धालु इतने गंदे पानी में स्नान करना तो दूर इसे हाथ में लेने से भी कतरा रहे हैं। गंदगी दूर करने के लिए पिछले घाटों से पानी छोड़ा जा रहा है।

शुद्धिकरण के नाम पर करोड़ों खर्च
शिप्रा शुद्धिकरण के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद हालत जस के तस हैं। न नर्मदा का साफ पानी शिप्रा में आ सका है और नहीं प्रदूषण कम हो पाया है। हाल यह है कि रामघाट पर पानी बढऩे के बाद भी बड़ी संख्या में मछलियां मर रही हैं।

रामघाट पर बदबूदार पानी
कुछ दिन पूर्व रामघाट पर गंदा व बदबूदार पानी जमा था। जब स्टॉप डैम के गेट खोल गंदे पानी को आगे बहाया गया, तब घाट व सीढिय़ों पर खासी कंजी जमी हुई थी। दो दिन पूर्व पीछे के स्टॉप डैम से पानी छोड़ रामघाट पर जलस्तर बढ़ाया गया है। इससे मुख्य रामघाट पर पानी का लेवल तो बढ़ गया लेकिन प्रदूषण कम नहीं हुआ है। रामघाट पर बड़ी संख्या में मछलियां मरी पाई गईं। नदी का पानी भी हरा व बदबूदार मिला।

श्रद्धालु बोले, सिंहस्थ बाद भूल गए शिप्रा को
स्कूलों की छुट्टी और गर्मी का सीजन होने के चलते शिप्रा रामघाट पर आने वाले श्रद्धालु व पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। नदी में गंदा पानी व मरी मछलियां देखकर पर्यटकों को कड़वा अनुभव मिल रहा है। रतलाम से आए मोहित शर्मा ने बताया, नदी में पानी की स्थिति देखकर नहाने की हिम्मत नहीं हो पा रही है। सिंहस्थ में जब आया था तब शिप्रा को देख लगा था कि स्थिति सुधर गई है लेकिन लगता है मेले के बाद नदी पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। जबलपुर के राकेश उपाध्याय ने कहा, महाकाल दर्शन के बाद शिप्रा स्नान के लिए आए थे लेकिन नदी की स्थिति देख अच्छा नहीं लगा। दूर से आए हैं इसलिए मजबूरी में ऐसे पानी में ही स्नान करना पड़ा है।

ये है शिप्रा की स्थिति
१. रामघाट पर जलस्तर बढ़ा लेकिन प्रदूषण बरकरार है।
२. नदी में कचरे के साथ मरी मछलियां भी निकल रही हैं।
३. नदी में इस तरह मरी मछलियां नजर आ रही हैं।
४. इन दिनों बड़ी संख्या लोग शिप्रा स्नान के लिए पहुंच रहे हैं और मजबूरी में गंदे पानी में डुबकी लगाना पड़ रही है।

खान डायवर्सन के बाद भी गंदा पानी
शिप्रा में गंदगी के पीछे बड़ा कारण इंदौर के खान नाले का मिलना बताया जाता था। शुद्धिकरण के लिए सिंहस्थ में करीब १०० करोड़ रुपए खर्च कर खान डायवर्सन योजना लागू की गई। दावा था इसके बाद नदी की स्थिति में बड़ा सुधार होगा। योजना लागू होने के बाद पानी गंदा है।

11 नालों का मिलना
नदी का पानी गंदा होने के पीछे दूसरा बड़ा कारण शहर के ११ नालों का मिलना बताया जाता था। सिंहस्थ में करीब ३ करोड़ रुपए खर्च नए पंप लगाए गए थे। इनके संचालन पर हर महीने लाखों रुपए खर्च होते हैं। दावा है कि सभी पंपिंग स्टेशन चालू हैं और नालों का पानी नहीं मिल रहा है। इसके बावजूद शिप्रा का पानी प्रदूषित है।

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