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विद्यार्थियों को राहत…विवि में लोकसेवा गारंटी योजना होगी ऑनलाइन

विश्वविद्यालयों में लोक सेवा गारंटी योजना की प्रक्रिया अब ऑनलाइन पॉर्टल के माध्यम से संचालित होगी।

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उज्जैन. विश्वविद्यालयों में लोक सेवा गारंटी योजना की प्रक्रिया अब ऑनलाइन पॉर्टल के माध्यम से संचालित होगी। विवि की प्रशासनिक व्यवस्था में विद्यार्थियों को विभिन्न सेवा के लिए निर्धारित समय अवधि तय है। यह योजना वर्ष २०१० से लागू है, लेकिन विद्यार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। विवि की प्रशासनिक व्यवस्था में नीचे से ऊपर तक लचरता के चलते मार्कशीट, माइग्रेशन, डिग्री जैसी छोटे-छोटे कामों के लिए परेशान होना पड़ता है। जबकि लोक सेवा गारंटी योजना तक तहत निर्धारित समय अवधि में सेवा प्रदान करने की बाध्यता है। नियमों के पालन नहीं होने के चलते ही उच्च शिक्षा विभाग ने अब यह सेवा पोर्टल के माध्यम से संचालित करने का आदेश दिया है, ताकि पूरी व्यवस्था पर नजर रखी जा सकें। इससे प्राप्त आवेदन और निराकरण प्रकरणों पर नजर रखी जाएगी।

यह सेवा मिलेगी
नामांकन, माइग्रेशन प्रमाण पत्र।
प्रोविजनल उपाधि, डुप्लीकेट मार्कशीट।
अंकसूची में सुधार, संशोधन, नाम सुधार।
शोध उपाधि समिति के आपेक्षों का निराकरण।
पीएचडी थीसिस जमा होने को बाद निराकरण।
उत्तर पुस्तिका का अवलोकन।
कॉशनमनी की वापसी व समस्त प्रमाण पत्र।

तीन दिन का समय
विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को विभिन्न सेवा दो से तीन दिन का समय निर्धारित है। इस अवधि में कार्य पूर्ण करना है। आरडीसी के प्रकरण को १५ दिन और पीएचडी थीसिस के प्रकरण को ३० दिन में पूरा करना है।

विद्यार्थियों को ध्यानयोग से जोडऩे की तैयारी
उज्जैन. प्रोफेशनल लाइफ में कॅरियर बनाने और खुद को स्थापित करने की भागदौड़ में युवा मानसिक रूप से तनावग्रस्त हो रहा है। निर्धारित दिनचर्या से वह खुद के लिए भी समय नहीं निकल पा रहा है। इसी के साथ शारीरिक अस्वस्थता और अन्य चिंताओं से घिर जाता है। आधुनिक जीवन की इसी भागदौड़ की समस्या का समाधान योग में छिपा हुआ है। भारत ही नहीं विश्व योग की तरफ आकर्षित हो रहा है। विक्रम विश्वविद्यालय ने भी अपने विद्यार्थियों को सकारात्मक ऊर्जा देने के लिए ध्यान योग शिविर की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। यह पहला प्रयास नहीं है। इससे पूर्व गत सत्र में भी हिंदी विश्वविद्यालय ने ध्यान योग शिविर संचालित किया था और विद्यार्थियों को प्रारंभिक ज्ञान के साथ कई दिनों तक अभ्यास करवाया था। अब एक बार फिर हिंदी विश्वविद्यालय समस्त विद्यार्थियों के लिए ध्यान योग शिविर के संचालन की व्यवस्था कर रहा है। इसके लिए निर्धारित कार्ययोजना भी तैयार की जा रही है, ताकि विद्यार्थियों को नियमित रूप से योग से जोड़ा जा सके। इसके लिए योग से जुड़ी संस्थाओं की मदद भी ली जाएगी।
पांच मिनट के योग से सकरात्मक ऊर्जा : ध्यान योग से मन और मस्तिष्क को विश्राम और नई ऊर्जा मिलती है और खुद को स्वस्थ महसूस करता है। रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ ही शरीर की प्रतिरक्षण क्षमता का विकास होता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि नियमित अभ्यास किया जाए। ध्यान योग के लिए ज्यादा समय की आवश्यकता नहीं है। पांच मिनट की निर्धारित प्रक्रिया से शरीर को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान की जा सकती है। धीरे-धीरे समय को ५ से १० मिनट किया जा सकता है।
&विद्यार्थियों को ध्यान योग की जानकारी देने के लिए शिविर संचालित किया जाएगा। तैयारी जारी है। जल्द ही शुरुआत होगी।
डॉ.़ प्रेमलता चुटैल, विभागाध्यक्ष हिंदी