
उज्जैन. भेरवगढ़ जेल के जिम्मेदारों द्वरा जेल में बंद साइबर क्राइम के मास्टर माइंड को लैपटॉप और इंटरनेट कनेक्शन देकर देशी और विदेशी खातों को हैक करवा करंसी ट्रांसफर करवाई जा रही थी। इस मामले में राज्य साइबर सेल की एसआइटी ने संबंधित अधिकारियों और जेल कर्मी को तलब किया था।
जिनसे गुरुवार और शुक्रवार को अलग अलग पूछताछ की गई। सूत्रों के अनुसार मामले में संबंधित अधिकारियों ने इस क्राइम से पल्ला झाड़ना चाहा परंतु एसआइटी ने कई अहम सबूत सामने रखे, जिसके बाद अधिकारियों की बोलती बंद हो गई, जिसमें उनके खातों में हुए रुपए ट्रांसफर का ब्योरा और जेल के 7 प्रहरी सहित तीन कैदियों के खातों में भी रुपए ट्रांसफर हुए इसके सबूत सामने रखे थे, जो लाखों रुपए में हैं। ऐसे में अब संबंधित अधिकारियों पर जल्द ही कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
तीनों भोपाल अटैच
जेल डीजी अरविंद कुमार ने शुक्रवार शाम को पूछताछ के बाद तीनों को जेल मुख्यालय अटैच किया है। राज्य साइबर पुलिस की जांच पूरी होने तक तीनों जेल मुख्यालय पर अटैच रहेंगे। बता दें, राज्य साइबर सेल ने एसपी रियाज इकबाल की अगुआई में पूरे मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित की थी। साइबर सेल ने इन जेल अधिकारियों को जांच पूरी होने तक भोपाल स्थित जेल मुख्यालय अटैच करने के लिए पत्र लिखा था। डीआईजी संजय पाण्डे ने बताया कि फिलहाल तीनों को भोपाल अटैच किया है वहीं उनके भैरवगढ़ जेल के दौरे को लेकर शुक्रवार रात तक स्थति स्पष्ट नहीं बताई गई। आज आ सकते हैं जेल डीआइजी: वहीं जानकारी लगी है इस मामले में अब जेल डीआइजी संजय पांडे शनिवार को भैरवगढ़ जेल पहुंचेंगे। वे जेल पहुंचकर यहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे।
इस मामले में साइबर सेल अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के खिलाफ नामजद एफआइआर दर्ज होगी। पूछताछ में कई अहम सवाल भी रहे, जिसमें साइबर क्राइम के मास्टर मांइड को जेल में इतनी सुविधा क्यों और कैसे दी गई। इसके अलावा उसकी वीडियो कॉलिंग के जरिए कैसे मुलाकात करवाई गई। वहीं जेल प्रहरी और कैदी के खातों में इतने रुपए कैसे पहुंचे। इसके अलावा अब जेल के अन्य प्रहरी को भी भोपाल तलब के आदेश जारी किए हैं, जिनसे पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में जेलर संतोष लड़िया और जेल प्रहरी धर्मेंद्र नामदेव गुरुवार और शुक्रवार को पूछताछ हो चुकी है, दा बयान ले करीब 140 पेज का डाटा तैयार किया गया है। वहीं संभवतः शनिवार को सहायक जेल अधीक्षक सुरेश गोयल से पूछताछ हो सकती है।
यह है पूरा मामला
बतादें फरवरी 2018 में साइबर क्राइम के आरोपी अमर अनंत अग्रवाल को भैरवगढ़ जेल भेजा गया था। यहां सहायक जेल अधीक्षक सहित जेलर व अन्य जेल प्रहरी ने उसे लैपटॉप और इंटरनेट कनेक्शन दे साइबर क्राइम के जरिए! देशी और विदेशी खातों को हैक करवा विदेशी और देशी करंसी अपने खातों में ट्रांसफर करवाई गई थी। इस मामले में पिछले दिनों प्रताड़ित करने पर कैदी ने इसकी शिकायत राज्य साइबर सेल को कर' दी। जिसके बाद उसकी शिकायत पर फिलहाल एफआइआर दर्ज कर एसआइटी गठित की और जांच शुरू कर दी।
Published on:
13 Nov 2021 08:12 pm
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