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बंगाल की खाड़ी में बना सिस्टम, मानसून के लिए आने वाले कुछ दिन खास

देर रात तक बौछारों से भीगता रहा शहर

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उज्जैन. मानसून के पुन: सक्रिय होने के साथ ही बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से झमाझम बरसात का दौर शुरू होने के आसार हैं। इधर शुक्रवार सुबह से देर रात तक रुक-रुक बौछारों से शहर भीगता रहा। आने वाले दिनों में बरसात की गतिविधियों में तेजी आने की उम्मीद है।
मानसून के लम्बे इंतजार के साथ राहत भरी खबर है कि आने वाले दिनों में जोरदार बरसात की संभावना बन रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मानसून ट्रफ (द्रोणिका लाइन) राजस्थान के फलौदी, अलवर, आगरा, बांदा, गया पुरुलिया से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। इसके अतिरिक्त एक ऊपरी हवा का चक्रवात दक्षिणी हरियाणा और उससे लगे पश्चिमी उत्तरप्रदेश पर बना हुआ है। बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास के इलाके में एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इन सिस्टम की वजह से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से मानसून को लगातार ऊर्जा मिल रही है। बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के असर से मानसून सक्रिय है। पूरे प्रदेश में अच्छी बरसात होने की संभावना है। बारिश का यह दौर कुछ स्थानों पर 4-5 दिन तक जारी रह सकता है। इस दौरान कहीं-कहीं भारी बरसात भी हो सकती है। इधर शुक्रवार को पूरे दिन बादलों के रहने और रुक-रुक बरसात होती रहीं। तापमान में गिरावट भी आ गई है।
मौसम पर शनि की वक्र दृष्टि, झड़ी के बजाए चटख धूप

शनि की वक्री चाल के कारण मौसम का हाल बिगड़ गया, तो लोगों को सावन के महीने में असहनीय उमस और तीखी धूप का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में बीमारों की संख्या बढ़ रही है,
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बावाला ने बताया कि पंचागीय गणना के अनुसार ग्रह-गोचर में शनि वर्तमान में धनु राशि में वक्री चल रहे हैं, शनि का चर्तुगृही युति से खड़ाष्टक योग चल रहा है, ये चार ग्रह क्रमश: सूर्य, मंगल, बुध, शुक्र इनके प्रभाव से मौसम परिवर्तन तथा मंगल-शुक्र का संयोग जब शनि से वक्रगत होता है, तो स्थितियां विपरीत होती हैं। मौसम का कारक ग्रह बुध भी वक्री चल रहा है, इसके कारण जलवायु का परिवर्तन चक्र है। मैदिनी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब इस प्रकार का ग्रह योग बनता हो, तो ऋतु चक्र में परिवर्तन होता है।