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उज्जैन. विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के सफाई टेंडर में हुए घोटाले को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने मंदिर में सफाई व्यवस्था के नाम पर प्रशासनिक अफसरों को कठघरे में खड़ा करते हुए व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार होने की बात कही है। उन्होंने टेंडर पर सवाल उठाया है कि मंदिर में एक लाख रुपए रोज से कौन-सी सफाई की जा रही है। इस मामले की मुख्यमंत्री शिवराजङ्क्षसह चौहान उच्च स्तरीय जांच करवाए। यदि जल्द घोषणा नहीं होती है तो कांग्रेस आंदोलन शुरू करेगी। इधर, शहर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अधिकारी मंदिर में मनमानी कर अपने रिश्तेदारों को टेंडर दिला रहे हैं। सफाई टेंडर को तत्काल निरस्त किया जाए।
यह है मामला-
महाकाल मंदिर में फरवरी २०१७ में पुणे की कंपनी बीवीजी (भारत विकास ग्रुप ) को ३.५० करोड़ रुपए प्रतिवर्ष का सफाई का ठेका दिया है। आरोप है कि पिछले वर्ष यही ठेका वर्ष २०१५-१६ में महज ५० लाख रुपए में दिया गया था। पहले १३ हजार रुपए रोज में सफाई होती थी अब ९५ हजार रुपए रोज खर्च किए जा रहे हैं। मैनेजमेंट फैसेलिटी के नाम पर सात गुना महंगा टेंडर देने पर सवाल उठे हैं कि आखिर इतना महंगा ठेका क्यों दिया गया। यहीं नहीं कंपनी विशेष को ठेके देने में खास शर्तें भी रखी गईं। सफाई ठेके गड़बड़ी को लेकर घट्टिया विधायक सतीश मालवीय ने विधानसभा में सवाल उठाया है।
टेंडर के दस्तावेज दबाने में जुटे जिम्मेदार
महाकाल मंदिर में हुए सफाई टेंडर के घोटाले को अब जिम्मेदार दबाने में जुट गए हैं। मंदिर सूत्रों के अनुसार टेंडर से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों को मंदिर कार्यालय में नहीं रखकर इधर-उधर रखा जा रहा है। ताकि यह लीक नहीं हो पाएं। प्रशासनिक गलियारों में चर्चा है कि अगर मामले की परत खुलती है तो जिले के एक बड़े अफसर की कारगुजारी सामने आ सकती है, टेंडर में उनके रिश्तेदार को दिया गया फायदा सामने आ सकता है।
सीएम करें जांच की घोषणा : प्रदेश कांग्रेस
एक ओर मुख्यमंत्री प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, यानी भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहीं दूसरी ओर महाकाल मंदिर में सफाई व्यवस्था के नाम पर बड़ा घोटाला किया गया। मुख्यमंत्री को इसकी जांच करवाकर जिम्मेदारों को दंडित करना चाहिए। इसमें साफ तौर पर प्रशासनिक अधिकारी घेरे में हैं। यह मामला गंभीर है। अगर जल्द जांच के आदेश नहीं होते हैं तो आंदोलन किया जाएगा।
पंकज चतुर्वेदी, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस कमेटी
जिम्मेदार डमी टेंडर जारी करें
सात गुना महंगा टेंडर हुआ है तो साबित होता है कि कहीं न कहीं अनियमितता हुई है। जिम्मेदारों को चाहिए कि वे दोबारा डमी टेंडर जारी करें। इसमें जो कंपनियों के रेट आएंगे तो उससे स्पष्ट हो जाएगा कितना महंगा टेंडर दिया। अब जिम्मेदारों को पुराने टेंडर को निरस्त कर नया टेंडर जारी करें। महाकाल मंदिर में भ्रष्टाचार नहीं होना चाहिए।
राजेंद्र भारती, पूर्व विधायक, कांग्रेस
मंदिर को व्यवसाय का अड्डा बनाया
३.५० करोड़ में महाकाल मंदिर में ऐसी क्या सफाई करवा रहे हैं। आखिर क्या जरूरत पड़ गई कि टेंडर में चिंतामण में लड्डू प्रसादी, विक्रम कीर्ति मंदिर को इसमें शामिल किया गया। अफसरों ने महाकाल मंदिर को व्यापार-व्यवसाय का अड्डा बना दिया है। श्रद्धलुओं को सुविधा देने के बजाय अफसर अपनी जेब भर रहे हैं।
विवेक यादव, कांग्रेस नेता
रिश्तेदारों को दिलवा रहे टेंडर
महाकाल मंदिर में सफाई के नाम पर सिंहस्थ के समय से ही धांधली चल रही है। मंदिर में मनमाने ढंगे से टेंडर किए जा रहे हैं। अधिकारी अपने रिश्तेदारों को टेंडर दिलवा कर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार कर रहे हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी नहीं बोल पा रहे हैं। मंदिर में तो लूट मचा रखी है। सफाई घोटाले की जांच की जाए तो भ्रष्टाचार सामने आ जाएगा।
माया त्रिवेदी, कांग्रेस नेत्री व पार्षद
सफाई टेंडर को करें निरस्त
सिंहस्थ के समय ५ करोड़ श्रद्धालु मंदिर आए थे। उस समय भी सफाई हुई थी। अब सिंहस्थ भी नहीं है, तो फिर सफाई पर ९५ हजार रुपए रोज कैसे खर्च हो रहे हैं। सात गुना महंगा टेंडर दर्शाता है कि इसके पीछे बड़ी धांधली हुई है। व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाया गया है। सफाई टेंडर का निरस्त कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाना चाहिए।
भरत पोरवाल, उपाध्यक्ष, जिला पंचायत
Published on:
06 Oct 2017 12:41 pm
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