
Ujjain Mahakal Mandir : भगवान महाकाल के दर्शन करने दूर-दराज से आने वाले आम श्रद्धालुओं को ठीक से बाबा की झलक तक नहीं मिल पाती है, क्योंकि नंदी हॉल में पुजारी-पुरोहित वहां खड़े श्रद्धालुओं को जलाभिषेक व पूजन के लिए पूछते हैं, उस दौरान वे उनसे चर्चा करने के लिए वहां खड़े हो जाते हैं, इसलिए नंदीजी के आसपास लगी स्टील की रैलिंग के चारों तरफ वे जमा होकर खड़े रहने से पीछे लोगों को बाबा नजर ही नहीं आते।
महाकाल मंदिर(Ujjain Mahakal Mandir) के नंदी हॉल प्रोटोकॉल से आने वाले लोगों का जमावड़ा हो रहा है। इस कारण आम श्रद्धालुओं को बाबा की झलक तक नहीं मिलती। उन्हें बाबा सिर्फ एलईडी पर ही नजर आते हैं। भक्तों का कहना है कि यहां आकर भी यदि एलईडी पर ही दर्शन करना पड़े, तो इससे तो हम घर पर ही कर लेते। यहां आने का क्या फायदा।
विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर(Ujjain Mahakal Mandir) में प्रतिदिन प्रोटोकॉल के तहत श्रद्धालुओं की संख्या समय और विशेष अवसरों के आधार पर अलग-अलग होती है। सामान्य दिनों में प्रोटोकॉल के माध्यम से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगभग 1000 से 1200 हो सकती है। विशेष पर्व, त्यौहार या श्रावण मास जैसे अवसरों पर यह संख्या काफी बढ़ जाती है। ऐसे दिनों में मंदिर प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधा और प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त व्यवस्थाएं करता है।
ये भी पढें- वर्दीवाले गालीबाज हेड कॉन्स्टेबल का वीडियो वायरल, सड़क पर जमकर काटा बवाल
वर्तमान में न तो कोई पर्व है, न ही बड़ा त्योहार, फिर भी सामान्य दिनों से अधिक श्रद्धालु वीआइपी प्रोटोकॉल का उपयोग कर नंदी हॉल तक पहुंच रहे हैं, जिस कारण वहां इतनी ज्यादा भीड़ हो जाती है, जिससे पीछे बैरिकेड्स में खड़े आम भक्तों को बाबा की एक झलक तक नहीं मिल पाती है।
प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया नंदी हॉल तक जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रोटोकॉल कार्यालय पर काउंटर से एक फॉर्म भरना जरूरी होता है, यह नई व्यवस्था इसीलिए लागू की गई है, ताकि सामान्य लोगों को पीछे बैरिकेड्स से आसानी से दर्शन हो सकें, लेकिन यदि यहां कुछ गड़बड़ी चल रही है, तो उसे संज्ञान में लिया जाएगा और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
महाकाल मंदिर(Ujjain Mahakal Mandir) में प्रोटोकॉल के माध्यम से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए नई व्यवस्था लागू की है। अब श्रद्धालुओं को एक विशेष फॉर्म भरना आवश्यक है, जिसमें नाम, पद, विभाग, मोबाइल नंबर, सदस्य संख्या, अनुमति स्थान और दान राशि जैसी जानकारी शामिल होती है। इससे प्रोटोकॉल दर्शन की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ी है और अनधिकृत प्रवेश पर नियंत्रण संभव हुआ है।ई देता हूं। यह सफलता इंदौर में विश्व स्तरीय मेट्रो प्रणाली प्रदान करने के हमारे विजन को पूरा करने की दिशा में बेहद खास कदम है।
Updated on:
21 Nov 2024 10:27 am
Published on:
21 Nov 2024 09:01 am
बड़ी खबरें
View Allउज्जैन
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
