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ये हैं साढ़े सात करोड़ के ब्रिज के हाल, ट्रैफिक नहीं फिर भी हो गया खस्ताहाल

आठ साल पहले बने ब्रिज की नहीं ली सुध, सेतु विभाग को भी नहीं हुआ हैंडओवर

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उज्जैन. उज्जैन विकास प्राधिकरण की ओर से करोड़ों रुपए खर्च कर बनाया सांवराखेड़ी ब्रिज महज आठ साल ही में खस्ताहाल हो गया है। ब्रिज के ज्वाइंट टूट गए हैं तो गर्डर निकलकर बाहर आ गई है। वहीं ज्वाइंट से जुड़ी सड़क के सरिए तक बाहर आ गए हैं। स्थिति यह है कि ब्रिज की सीमेंट सड़क भी उखड़ गई है। ब्रिज की यह हालत तब है जब इस पर ज्यादा ट्रैफिक भी नहीं है। वहीं दिनोंदिन खराब हो रहे ब्रिज की सुध भी यूडीए अफसर नहीं ले रहे हैं। ऐसे में यहां किसी भी दिन बड़ा हादसा होने की आंशका जताई जा रही है।
प्राधिकरण ने वर्ष २००७ में करीब ७.५० करोड़ रु. खर्च कर सांवराखेड़ी ब्रिज बनाया था। हालांकि ब्रिज बनाने के बाद इसका खास उपयोग कभी नहीं हो पाया। वाहन पार्किंग के रूप में ब्रिज का उपयोग होता रहा है। वहीं प्राधिकरण ने भी ब्रिज बनने के बाद इसकी मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दिया। इसके चलते ब्रिज खस्ताहाल हो रहा है। ब्रिज के ज्वाइंट के गर्डर ही टूट चुके हैं। बताया जा रहा है कि नशाखोरों ने उखड़े लोहे के गर्डर को ओर ज्यादा काट दिया है। वहीं सड़क से सरिए भी निकलने लगे हैं। सेतु विभाग के अधिकारी बता रहे हैं कि ज्वाइंट ढीला होने से ब्रिज की क्षमता पर असर पड़ता है। भारी वाहन निकलने से कंपन बढ़ता है। समय रहते इसे नहीं सुधारा तो ब्रिज को बढ़ा नुकसान हो सकता है।
विधायक यादव के कार्यकाल में बना था
सांवराखेड़ी ब्रिज विधायक मोहन यादव के यूडीए अध्यक्ष रहने के दौरान बनाया गया था। ब्रिज निर्माण से ही विवादों में रहा। सवाल उठाया गया कि प्राधिकरण की आसपास जमीन नहीं है तो ब्रिज क्यों बनाया गया। वहीं ब्रिज बनने के बाद से इसका बड़ा उपयोग कभी नहीं हो सका। यहां तक कि सिंहस्थ में अतिरिक्त ब्रिज बन गए, लेकिन इस ब्रिज का खास उपयोग नहीं हो पाया। ब्रिज निर्माण पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार तक के आरोप लगे थे।
सेतु विभाग को भी हैंडओवर नहीं
यूडीए की ओर से बनाए गए सांवराखेड़ी ब्रिज अब तक सेतु विभाग को भी हैंडओवर नहीं हुआ। यदि सेतु विभाग को ब्रिज दिया जाता तो इसका नियमित रखरखाव होता। हालांकि ब्रिज के विवादित होने के कारण सेतु विभाग ने भी इसे लेने में रुचि नहीं दिखाई।
सांवराखेड़ी ब्रिज हमें हैंडओवर नहीं किया गया है। इसलिए इसके रखरखाव का काम यूडीए को ही करना है।
बीडी शर्मा, एसडीओ, सेतु विभाग
ब्रिज को दिखवा लेते हैं। यदि ब्रिज के ज्वाइंट टूट गए हैं तो इसे सुधरवा लेंगे।
केसी पाटीदार, ईई, सेतु विभाग