
खेतों में लहलहाएंगी रबी की फसलें...
शाजापुर. नवंबर शुरू हो चुका है। ऐसे में किसान रबी सीजन की बोवनी में लग चुके हैं। अनेक खेतों में बोवनी शुरू हो चकी है। रबी की सिंचाई के लिए क्षेत्र के जलाशयों में पर्याप्त पानी है। जिससे रबी सीजन की फसलें खेतों में लहलहाएंगी, किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा।
इस बार चीलर बांध भी अगस्त माह में पूर्ण क्षमता से भर चुका था। चीलर बांध में पर्याप्त पानी है। चीलर बांध से किसानों को इस साल तीन बार सिंचाई के लिए नहरों के माध्यम से पानी छोड़ा जाएगा। पहला पानी १५ नवंबर से दिया जाएगा। वहीं बाकी किसानों को अपने निजी जल स्रोतों व आसपास बने तालाबों के माध्यम से ही सिंचाई करना होगी। चीलर बांध से दोनों नहरों से तीन बार पानी दिया जाएगा।
चीलर का पानी सीधे किसानों के खेतों तक पहुंचे इसके लिए सिंचाई विभाग ने नहरों की सफाई का कार्य शुरू करा दिया है। शनिवार से शहरी सीमा में जाम हो रही नहरों का सफाई कार्य शुरू किया गया और मलबा निकाला गया।
जनवरी तक मिलेगा-इस वर्ष चीलर बांध पूर्ण रूप से भर गया है। जिससे रबी सीजन के लिए किसानों को तीन बार पानी दिया जाएगा। सिंचाई विभाग के प्रभारी एसडीओ आरसी गुर्जर ने बताया कि किसानों को तीन बार सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाएगा। पहला पानी १५ नवंबर से नहरों के माध्यम से दिया जाएगा, जो २८ दिनों के लिए होगा। इसके बाद २५ दिसंबर को आवश्यकता अनुरूप पानी दिया जाएगा। इसके बाद जनवरी के अंतिम माह में भी सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाएगा। इस तरह किसानों को तीन बार सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा। गुर्जर ने बताया कि नहरों की सफाई कार्य शुरू करा दिया है। शहरी सीमा में रहवासी क्षेत्र में लोगों ने कचरा फेंककर नहरों को जाम कर दिया गया था। जिसे जेसीबी की मदद से निकाला गया।
नहरों में झाडिय़ां व गंदगी-चीलर बांध से दो नहरें निकली हैं जो जिले के विभिन्न गांवों तक पहुंचती है। ये नहरे चीलर बांध से शहर में होते हुए गुजरी है। जिससे शहरी क्षेत्र में नहरों में लोगों द्वारा जमकर कचरा व गंदगी फेंकी जाती है। जिससे नहर जाम की स्थिति बनती है। नहरों में गंदा पानी जमा होने के साथ ही झाडिय़ां उग आई हैं तो कहीं कचरे व गंदगी से नहरे जाम है। ऐसे में सिंचाई विभाग ने पानी छोडऩे के पूर्व शहरी सीमा में नहरों की सफाई कार्य करा दिया है।
३७ गांवों के किसानों को मिलेगा पानी
चीलर बांध में पर्याप्त पानी आने से इस बार किसानों को रबी सीजन के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा। गत वर्ष चीलर बांध आधा ही भर पाया था, जिससे किसानों को एक ही बार पानी मिला था। जिसका असर उत्पादन पर देखा गया। बता दें कि चीलर बांध की दोनों नहरों से ३७ गांवों में सैकड़ों किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है। जिससे ५२३८ हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई होती है। नहरों के समीप खेतों वाले किसानों को तीन बार मिलेगा पानी।
इन गांवों को मिलेगा लाभ
दायीं नहर २१.४० किमी है। सांपखेड़ा, मझानिया, बज्जाहेड़ा, लखमनखेड़ी, भरड़, टुकराना, छापीहेड़ा, लोहरवास, बनाखेड़ी, दिलोदरी, छतगांव, चौसला को पानी मिलेगा। बायीं नहर ११.२० किमी है। इससे मूलीखेड़ा, गिरवर, शाजापुर, पतोली, भदोनी, सतगांव, हरणगांव, नरणगांव, नारायण गांव, शंकरखेड़ा, गवलियाखेड़ी, रागबेल, टूंगनी को पानी मिलेगा। डूब के पास बसे खामखेड़ा, लोंदिया, दिल्लौद, भालूखेड़ा, बापचा, सांपखेड़ा, आला उमरोद, पिपलिया गोपाल, धाराखेड़ी, सनकोटा, बिकलाखेड़ी में पानी लिफ्ट होता है।
सफाई कार्य शुरू करवा दिया है
सिंचाई के लिए तीन बार पानी दिया जाएगा, जो १५ नवंबर से छोड़ा जाना है। नहरों में झाडिय़ा व गंदगी फैली है, जिससे नहर जाम हो रही है। नहरों की सफाई का कार्य शुरू करा दिया है।
आरसी गुर्जर, प्रभारी एसडीओ सिंचाई विभाग
Published on:
03 Nov 2019 09:00 am
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