MP News: भारतीय गणना में एक तिथि दो दिन आने की समस्या कुछ वर्षों में बढ़ी है। तिथियों की गणना में संभावित गड़बड़ियों को दूर करने पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर मंथन होगा। इसकी प्रारंभिक शुरुआत उज्जैन में खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर प्रस्तावित राष्ट्रीय कार्यशाला के मुख्य आयोजन में होगी। कार्यक्रम में वैज्ञानिकों के साथ देशभर से करीब 200 विद्वान ज्योतिषाचार्य भी जुटेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मु़ख्य आतिथ्य में 21 जून (योग दिवस) को उज्जैन के डोंगला स्थित वराहमिहीर खगोलीय वेधशाला में खगोल विज्ञान एवं भारतीय ज्ञान परंपरा विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी।
आयोजन मप्र विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी परिषद और सहयोगी संस्थान द्वारा किया जा रहा है। प्रस्तावित कार्यक्रम अनुसार, खगोल विज्ञान भारतीय ज्ञान पंरपरा पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन होगा। विद्ववजन भारत में गौरवशाली खगोल विज्ञान और गणना की जो परंपरा रही है, उस पर चर्चा करेंगे। साथ ही आधुनिक खगोल विज्ञान को लेकर भारत में क्या काम हो रहा है, आगे क्या संभावना है, इस पर चर्चा होगी। कार्यक्रम में शोधार्थी, फैकल्टी मेंबर, वैज्ञानिक, कालगणना और ज्योतिष के विद्वान शामिल होंगे।
1. प्रो. गंटी एस. मूर्ति
राष्ट्रीय संयोजक भारतीय ज्ञान प्रणाली नई दिल्ली
2. डॉ. बृजेश पांडे
कार्यकारी निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी नई दिल्ली
3. डॉ. अरविंद सी रानाडे
निदेशक, राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान गांधीनगर
4. डॉ. शिवकुमार शर्मा
राष्ट्रीय संगठन मंत्री, विज्ञान भारती, नई दिल्ली
5. डॉ. अनिल कोठारी, महानिदेशक, मप्र विज्ञान एंव प्रोद्योगिकी परिषद भोपाल
ग्यारस आज है या कल, एक तिथी दो दिन तो फिर घट स्थापना किस दिन की मानें, अमावस्या दान के लिए अलग और स्नान के लिए अलग दिन तो क्या करें... एक त्योहार, एक तिथि दो अलग-अलग दिन मानने की समस्या ने भारतीय त्योहार व परंपराओं पर असर डाला है। कुछ वर्षों से हो रही तिथियों की इस गड़बड़ी को दूर करने के उद्देश्य से ही पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर मंथन की शुरुआत हो रही है। आयोजन में इस विषय को परिचात्मक रूप से रखा जाएगा। विषय वृहद है इसलिए निकट भविष्य में इस मुद्दे पर पृथक से कार्यशालाएं होंगी। ज्योतिषाचार्य काल गणना करते हैं तो वर्तमान में तिथी या अलग-अलग पंचांग को लेकर उनकी क्या समस्याएं है, आगे कैसे इन पर कार्यशाला कर निराकरण किया जा सकता है, इसकी कार्ययोजना बनाई जाएगी।
21 जून को योग दिवस पर डोंगला में स्कूली विद्यार्थियों द्वारा योग किया जाएगा। इसके बाद 300 स्कूली छात्रों के लिए स्टेम शो (साइंस टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथेमेटिक्स) आयोजित होगा। इसमें विद्यार्थियों को खेल-खेल में विज्ञान कैसे सीखे, बताया जाएगा।
डोंगला स्थित वराहमिहीर खगोलीय वेधशाला में करीब 1.50 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक तारामंडल तैयार किया गया है। 21 जून को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा इसका लोकार्पण प्रस्तावित है। तारामंडल की क्षमता 54 सीटर है जिसमें डेढ़ घंटे के शो में सौरमंडल के अलग-अलग दृश्य दिखाए जाएंगे। तारामंडल का संचालन आचार्य वराहमिहीर न्यास द्वारा किया जाएगा। अभी इसका शुल्क निर्धारण नहीं हुआ है।
खगोल विज्ञान भारतीय ज्ञान पंरपरा पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन प्रस्तावित है। इसमें विद्ववजन भारत में गौरवशाली खगोल विज्ञान और भारतीय गणना विषय पर चर्चा करेंगे। आधुनिक खगोल विज्ञान को लेकर प्रचलित कार्य व भविष्य की संभावना पर चर्चा होगी। तिथी-पंचाग निर्धारण में मतांतर को लेकर परिचात्मक चर्चा होगी।
डॉ. मनोज राठौर, संयुक्त परियोजना संचालक, मप्र विज्ञान एंव प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल
डोंगला में आधुनिक तारामंडल का निर्माण पूर्ण हो चुका है। 54 सीटर तारामंडल का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा २१ जून को लोकार्पण प्रस्तावित है। कार्यक्रम को लेकर तैयारियां की जा रही हैं।
घनश्याम रतनानी, प्रकल्प अधिकारी पद्मश्री डॉ. विष्णुश्रीधर वाकणकर वेधशाला, डोंगला
Updated on:
16 Jun 2025 01:16 pm
Published on:
16 Jun 2025 01:12 pm