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देश के हालात पर क्या बोले शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती

श्री गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलाचंद सरस्वती ने देश के ताजा हालात पर टिप्पणी की है। उज्जैन में एक कार्यक्रम में देश-विदेश के खराब हालात पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि जो बीज पहले बो चुके, उसे तो आज भोगना ही पड़ेगा।

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श्री गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलाचंद सरस्वती

श्री गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलाचंद सरस्वती ने देश के ताजा हालात पर टिप्पणी की है। उज्जैन में एक कार्यक्रम में देश-विदेश के खराब हालात पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि जो बीज पहले बो चुके, उसे तो आज भोगना ही पड़ेगा।

शंकराचार्य निश्चलाचंद सरस्वती ने कहा कि जो बीज हमने आज बोया, उसका फल हमें कल मिलेगा, लेकिन जो पहले बो चुके, उसे तो हमें आज ही भोगना पड़ेगा। उन्होंने नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश हो या विदेश सभी दूर दिशाहीन व्यापारियों का कब्जा हो गया है और वे ही देश चला रहे हैं। नेताओं में कुछ कर गुजरने की क्षमता बची नहीं है। उन्होंने व्यापारियों को कामकाज सौंप दिया।

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शंकराचार्य स्वामी यहां तीन दिनों के प्रवास पर हैं। झालरिया मठ नरसिंह घाट पर आयोजित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में दिशाहीन व्यापारी आ गए हैं। कोई भगवा धारण किए भी मिल जाएगा जो योगी बनकर आपको योग और मोक्ष समझाएगा और लूट लेगा। नेताओं की क्षमता कम होने से यह स्थिति बनी है।

शंकराचार्य ने कहा कि अगर आप प्रतिदिन धार्मिक क्रियाकलाप करते हैं और फिर भी आपके जीवन में दु:ख है तो यह जरूर आपके किसी कर्म का फल है। जीवन में कर्म फल तो निश्चित भोगना होता है। अगर जीवनभर धर्मविरोधी कार्यों में लगा व्यक्ति अंतिम समय में भगवत स्मरण करता है तो उसका मोक्ष निश्चित है। क्योंकि भगवत स्मरण के बाद व्यक्ति जो जाने-अनजाने पाप कर्म करता है। उनका पाप बढ़ जाता है। लेकिन मृत्युशैया पर भगवत स्मरण कर रहे व्यक्ति को बाद में कुछ कर्म करने का मौका नहीं मिलता।

उन्होंने कहा कि अगर गोवंश बचाना है तो पारंपरिक खेती की ओर आना पड़ेगा, ताकि गाड़ियों और खेतों में बैल व दुग्ध उत्पादन में गायों की जरूरत बनी रहे। इनकी उपयोगिता बढ़ते ही कटाई स्वत: खत्म हो जाएगी। तंत्र मंत्र से जटिल रोगों का इलाज संभव है। पूर्वजों की मुक्ति के लिए गरुड़ पुराण का पाठ साफ उच्चारण वाले ब्राह़मण से करवाया जाए।

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