16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इन दिनों क्यों कहना पड़ रहा कि डीजे वाले बाबू गाना मत चलाओ…

मांगलिक कार्यक्रमों के चलते शहर में देर रात तक डीजे का शोर, विद्यार्थी ओ रहे परेशान, पुलिस-प्रशासन नहीं दे रaहा ध्यान

2 min read
Google source verification
Why do you have to say that DJ Wale Babu don't play the song...

मांगलिक कार्यक्रमों के चलते शहर में देर रात तक डीजे का शोर, विद्यार्थी ओ रहे परेशान, पुलिस-प्रशासन नहीं दे रaहा ध्यान

उज्जैन. मांगलिक कार्यकमों के चलते शहर में डीजे-लाउड स्पीकर का मनमान शोर मच रहा है। बिना रोक-टोक देर रात तक डीेजे बज रहे हैं और शिकायत के बाद भी इन्हें कोई रोकने वाला नहीं है। नतीजतन प्रभावित आम लोगों की रातों की नींद उड़ रही है वहीं सबसे बड़ी परेशानी विद्यार्थियों को झेलना पड़ रही है। डीेजे का शोर उनकी पढ़ाई में खलल डाल रहा है।

स्कूल-कॉलेजों में जहां परीक्षा का दौर शुरू हो गया है वहीं शहर में विवाह कार्यक्रमों की भी धूम मची है। कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद मांगलिक कार्यक्रमों में खुशियां बढ़ाने खुलकर डीजे आदि का उपयोग हो रहा है लेकिन देररात तक इनके चलने से अन्य लोगों की समस्या बढ़ गई है। नियमानुसार आम तौर पर तेज आवाज में म्युजिक सिस्टम चलाने के लिए रात १० बजे तक ही अनुमति रहती है। इसके विपरित इन दिनों शहर में रात १२ या इससे भी अधिक समय तक डीजे का शोर नहीं थम रहा है। इसका सबसे ज्यादा खामियाजा उन विद्यार्थियों को झेलना पड़ रहा है जिनकी परीक्षा चल रही है या कुछ दिनों में शुरू होने वाली है। एकांत समय में वे एकाग्रता से पढ़ाई कर सकें, इसके लिए वे रात के समय पंसद करते हैं लेकिन डीजे के कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कुछ लोग तो इसकी शिकायत भी करते हैं लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। एेसे में विद्यार्थी भी चाहते हैं कि पीरक्षा के दिनों में कोलाहल अधिनियम का सख्ती से पालन करवाया जाना चाहित ताकि पढ़ाई करने में परेशानी न हो।

मैरिज गार्डन के नजदीक रहने वाले अधिक परेशान

कई मैरिज गार्डन या मांगलिक धर्मशालाएं रिहायशी क्षेत्रों में स्थित हैं। एेसे में इन मैरिज गार्डन या धर्मशालाओं में विवाह आदि आयोजन होने पर यहां रात तक डीजे चलता है। इससे आसपास के लोगों को परेशानी झेलना पड़ती है। डीजे के शोर में न क्षेत्रवासी देर रात तक ठीक से सो पाते हैं और नहीं विद्यार्थी पढ़ाई कर पाते हैं।

टोको तो होते हैं विवाद

आवासीय क्षेत्र के जिन मैरिज गार्डन या मांगलिक भवन में आयोजन होते हैं वहां के रहवासी इससे सीधे प्रभावित होते हैं। रात में समय अधिक होने पर कई बार वे आयोजकों को डीेज बंद करने साउंड कम करने का कहते हैं। कभी आयोजक उनकी समस्या को समझ उनकी बात मान लेते हैं तो कभी विवाद की स्थिति भी बन जाती है। एेसे मे विवाद से बचने के लिए कई बार क्षेत्रवासियों को चुप रहकर यह परेशानी झेलने पर मजबूर होना पड़ता है।

इनका कहना

तय मापदंड से अधिक आवाज व निर्धारित समय के बाद डीजे या अन्य म्युजिकल सिस्टम चलाना प्रतिबंधित है। इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी ताकि आमजन व विद्यार्थियों को परेशानी न हो।
- आशीषसिंह, कलेक्टर