
15 lakhs of expenses still thirsty
उमरिया/करकेली. हर घर को पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सन् 2008 में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग ने करकेली में लगभग 15 लाख की लागत से नलजल योजना स्थापित की थी और घरों में पानी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था, लेकिन इस योजना का लाभ करकेली के मात्र 55 घरों तक सिमटा हुआ है। गौरतलब है कि करकेली ग्राम पंचायत अंतर्गत स्थित करकेली, नदी टोला, करही टोला तीन स्थानों में लगभग 4 हजार की जनसंख्या है। यहां कुंए सूख चुके हैं और कई हैण्डपंप खराब पड़े हैं। यहां की पेयजल स्थिति मे सुधार लाने पूर्व कलेक्टर ने निर्देश दिए थे, लेकिन कोई कार्य नहंी कराया गया। गत दिवस आयुक्त रजनीश श्रीवास्तव ने भी गर्मी से पूर्व सुधार लाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन अधिकारियों के निर्देश के बावजूद यहां व्यवस्था नहीं की जा रही है। देखना यह है कि इनके निर्देश का पीएचई कितना पालन करता है।
नदी टोला में निवासरत डेढ़ हजार ग्रामीण सिर्फ 4 हैण्डपंपों के भरोसे हैं। जबकि यहां 9 हैण्डपंप स्थापित हैं। शेष 5 बंद पड़े हैं। ग्रामीण पानी के लिए दूर-दराज भटकते हैं और जहां के हैण्डपंप चालू हालत में हैं। वहां भीड़ लगाते हैं। कुछ जगह स्थिति ऐसी है कि लोगों को सायकिलों अथवा बैलगाडिय़ों से पानी लाना पड़ता है। गांव के अंदर स्थित सारे कुंए सूख चुके हैं। पानी का एक मात्र सहारा हैण्डपंप ही हैं, लेकिन हैण्डपंपों का भी समय से संधारण नहीं किया जा रहा है। करही टोला में भी यही स्थिति है। यहां पांच हैण्डपंप महीनों से बंद पड़े हैं। ग्रामीण इसकी जानकारी ग्रामपंचायत और जनपद को दे चुके हैं, लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं हुई।
नलजल योजना हो रही बेकार
नदी टोला तथा करकेली के जिन स्थानों मे सप्लाई के लिए पाइप बिछायी गई थी, वहां पाइप का संधारण और रखरखाव नहीं किए जाने के कारण पाइप जर्जर होकर उखड़ रहीं हैं। कुछ स्थानों में तो पाइप दिखाई ही नहीं देती हैं। यहां पाइप टूटने के कारण ले जाई गईं हैं। अगर सप्लाई पुन: चालू करना हो तो विभाग को पुरानी जर्जर पाइपें उखाड़ कर नए सिरे से नई पाइपें डालनी पड़ेंगी। कुल मिलाकर पूर्व की नल जल योजना लोगों के लिए बेकार साबित हुई है। शासन के लाखों रुपए व्यय होने के बावजूद स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।
सौ में केवल 55 घरों तक बिछे हैं पाइप
करकेली में नलजल योजना की स्थापना के बाद विभाग ने सर्वप्रथम करकेेली में 100 घरों तक वाटर सप्लाई की पाइप बिछाने का निर्णय लिया था, जिसमें से 55 घरों तक पाइप बिछायी गई और पांच सार्वजनिक स्थापित किए गये। इसके बाद यहां पाइप बिछाने का कार्य रुक गया। उसके बाद नदीटोला के लोगों की मांग पर ग्राम पंचायत ने पीएचई से पेयजल हेतु मांग की। इस पर पीएचई ने यहां करीब एक हजार मीटर लंबी पाइप बिछायी, लेकिन उसे पानी टंकी से नहीं जोड़ा, इसलिए वहां सप्लाई नहीं हुई। इस गांव में करीब 150 लोग कनेक्शन लेने की प्रतीक्षा में थे। लोगों को विभाग से केवल आश्वासन मिलता रहा। इसके बाद करही टोला के लोगों ने भी पेयजल की स्थिति सुधारने जनपद कार्यालय से मांग की थी, लेकिन यहां अभी तक पाइप भी नहीं बिछी। श्रीकांत तिवारी और सोने लाल यादव ने कहा कि पानी का घोर संकट यहां व्याप्त है। इस संबंध में दर्जनों बार वरिष्ट अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया है। विभाग से यह भी ज्ञात नहीं होता कि आखिर करकेली पेयजल योजना का सुधार क्यों नहीं हो रहा है। पाइपें क्षतिग्रस्त होने और सप्लाई से जुड़ी नहंी होने के कारण लाभ नहीं मिल पा रहा है।
इनका कहना है
पेयजल समस्या को गंभीरता से लेते हुए पीएचई को तत्काल निर्देशित किया जाएगा और करकेली में पेयजल की सुदृढ़ व्यवस्था की जाएगी। पीएचई को पेयजल आपूर्ति की सतत निगरानी करने और व्यवस्था हेतु पूर्व में भी कहा गया था अगर इस ओर कोताही बरती जाती है तो कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।
माल सिंह, कलेक्टर, उमरिया

Published on:
23 Feb 2018 05:09 pm
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