
फाइल फोटो -पत्रिका
Anganwadi Kendra:भरतपुर। प्रदेश के हजारों आंगनबाड़ी केन्द्रों के जल्द ही दिन फिरने वाले हैं। प्रदेश के 5 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को जल्द ही आदर्श केंद्र के रूप में विकसित कर रही राज्य सरकार इनके रख-रखाव सहित निर्माण कार्यों पर 50 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
बच्चों के विकास के लिए इन आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल की तरह बनाया जाएगा। इससे प्रदेश के लाखों बच्चों को लाभ मिलेगा। सरकार के इस फैसले से आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को बेहतर वातावरण मिल सकेगा और उनके पोषण और शिक्षण में सहायता मिलेगी।
आंगनबाड़ी केंद्रों में कई तरह के निर्माण कार्य किए जाएंगे। जिन पर 50 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत को देखते हुए मरम्मत का निर्णय किया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों की मरम्मत को लेकर हर जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से तखमीना तैयार कर प्रस्ताव समेकित बाल विकास सेवाएं जयपुर को भेजे गए थे।
प्रस्ताव में भवन में क्या-क्या कार्य करवाना है। केंद्र ग्रामीण क्षेत्र का है या शहरी क्षेत्र के साथ अन्य जानकारियां भेजी गई हैं। उसी के आधार पर अब प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए राशि की स्वीकृति जारी की गई है। महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव महेंद्र सोनी के इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार भरतपुर जिले में 52 आंगनबाड़ी केंद्र भवनों की मरम्मत व सुदृढ़ीकरण का कार्य करवाया जाएगा।
ये कार्य राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत विभागीय भवनों में संचालित केंद्रों पर ही होंगे। प्रदेश में 5 हजार आंगनबाड़ी केंद्र भवनों का सुदृढ़ीकरण होगा। इसके लिए राज्य सरकार ने 50 करोड़ की वित्तीय स्वीकृत प्रदान की है। उप मुख्यमंत्री ने बजट में इन कार्यों की पहले ही घोषणा कर चुकी हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग शासन सचिव महेंद्र सोनी ने आदेश में बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र भवनों की मरम्मत व सुदृढ़ीकरण की गुणवत्ता में कमी व क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में निर्माणकर्ता एजेंसी जिम्मेदार होगी। उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पुन: दुरुस्तीकरण का दायित्व कार्यकारी एजेंसी समग्र शिक्षा अभियान का होगा।
प्रदेश के 5 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों के रख-रखाव सहित निर्माण कार्यों पर पचास करोड़ रुपए खर्च होंगे। जिले में 52 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों पर मरम्मत व सुढृढ़ीकरण के कार्य करवाए जाएंगे। सरकार की ओर से वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। -राजकुमार सिंह, कनिष्ठ अभियंता, समसा डीग
Published on:
30 Jul 2025 10:08 pm
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