
British-era bridge between Unnao-Kanpur collapsed उन्नाव और कानपुर के बीच बने पुल का एक हिस्सा आज टूटकर नदी में समा गया। स्कूल को 2021 में बंद कर दिया गया था। जिसकी कोठी में दरारें आ गई थी। इसके बाद कानपुर और उन्नाव जिला प्रशासन में यातायात को बंद कर दिया था। दोनों तरफ दीवार खड़ी कर दी गई थी। लेकिन यह पुल कानपुर और उन्नाव जिला प्रशासन के उदासीनता पर सवाल खड़ा कर रहा है।इसी के बगल में रेलवे का पुल अभी भी काम कर रहा है। जिसे रेलवे ने मरम्मत करके यातायात के लायक बनाया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते कोठियों की मरम्मत कर दी जाती तो याद ऐतिहासिक धरोहर अभी भी काम कर रहा होता।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव कानपुर के बीच अंग्रेजों के जमाने का बना पुल है। जिसे 1874 में तैयार किया गया था। लगभग डेढ़ सौ साल से यह पुल कानपुर और उन्नाव के बीच यातायात का मुख्य मार्ग था। मरम्मत और रखरखाव के अभाव में पुल क्षतिग्रस्त होने लगा। इसकी कोठियों में भी कमी आ गई। 2021 में चार कोठियों में दरारें आ गई। जिससे यातायात के लिए बंद कर दिया गया लोग पुल को पार न कर सके। इसके लिए दोनों तरफ दीवार खड़ी कर दी गई।
इस संबंध में बातचीत करने पर शुक्लागंज निवासी राजेश कुमार ने बताया कि कानपुर और उन्नाव के जिला प्रशासन दोनों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दोनों ही जिलों की जिम्मेदार अधिकारियों ने पुल की तरफ ध्यान नहीं दिया। कोठियों की मरम्मत कर दी जाती। तो आज यह पुल काम कर रहा होता। पुल के बंद हो जाने के बाद उन्नाव और शुक्लागंज के बीच नवीन गंगा पुल पर आए दिन जाम लगता है। पुल के बंद होने के बाद कांग्रेस ने भी प्रदर्शन किया था। जो कई दिनों तक चला। जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद धरना प्रदर्शन समाप्त हुआ था। लेकिन पुल के संदर्भ में कोई प्रगति नहीं हुई।
Updated on:
26 Nov 2024 04:08 pm
Published on:
26 Nov 2024 04:05 pm
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